कूड़ादान बना लालबहादुर शास्त्री स्कूल का गेट.. पढ़े लिखे अनपढ़ों की वजह से शहर हो गया स्वच्छता रैंकिंग में पीछे..
2014 में केंद्र में आई मोदी सरकार ने देश मे कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये थे जिनमें स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण कदम था.. स्वच्छता के लिए जागरूकता लाने और इसे मिशन बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेश जिले समेत कस्बे तक में स्वच्छता के लिए प्रतियोगिता कराया गया.. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गई टीम द्वारा अलग अलग टीम बनाकर देश के अलग अलग शहरों में विभिन्न मानकों पर निरीक्षण भी कराया जाता है.. छत्तीसगढ़ के बहुत कम शहर ऐसे रहे है जो स्वच्छता अभियान में अपनी रैंकिंग में सुधार कर पाई है..
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर इस वर्ष स्वच्छता रैंकिंग में और भी पीछे हो गयी है.. जिसका मुख्य कारण है शहर में पढ़े लिखे अनपढ़ों द्वारा शहर में जानबूझकर गंदगी फैलाना.. जिसका जीता जागता उदाहरण बिलासपुर के हृदयस्थल लाल बहादुर शास्त्री स्कूल का मेन गेट है.. स्कूल के किनारे इन दिनों कुम्हारों द्वारा मूर्ति विक्रय का कार्य किया जा रहा है.. और इस वजह से स्कूल गेट के सामने कचरे के डिब्बे को सामने ही रख दिया गया है.. शहर के बीचों बीच होने की वजह से आने जाने वालों की नज़र सीधे इस ओर पड़ती है बावजूद इसके जिम्मेदारों को शहर के साख की कोई फिक्र नहीं है.. तस्वीरें ही हालया बयां करने के लिए काफी है.. शहर में सीवरेज और गंदगी ने प्रदेश के बाकी शहरों से बिलासपुर को पीछे धकेल दिया ये कहना गलत न होगा..