बिलासपुर एसईसीएल अपने अस्पतालों में मुहैया कराएगा सर्वसुविधायुक्त 69 एम्बुलेंस.. 10 एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना..

जीवन में स्वस्थ्य रहना आवश्यक है- इस विचार को पूर्णतः अपनाते हुए एसईसीएल अपने कर्मियों एवं उनके परिवारों के लिए अच्छी चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराता रहा है.. इस परिप्रेक्ष्य में एसईसीएल द्वारा अपने अस्पतालों के लिए 69 एम्बुलेंस मुहैया कराए जा रहे है.. इनमें से 63 एम्बुलेंस बेसिक लाईफ सपोर्ट सिस्टम युक्त होंगे, जिसमें डीफेब्रिलेटर, आक्सीजन सप्लाई, दो स्ट्रेचर, व्हील चेयर, सलाईन आदि की व्यवस्था होगी.. साथ ही 5 एडवांस लाईफ सपोर्ट प्रणाली से युक्त एम्बुलेंस भी मुहैया कराए जा रहे है, जिनमें सभी सुविधाओं के साथ वेन्टिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध होगी.. उक्त 69 एम्बुलेंस में से एसईसीएल को आज 10 एम्बुलेंस उपलब्ध हुए हैं जिन्हें एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों के लिए एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा द्वरा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया.. शेष 59 एम्बुलेंस अगले 2 सप्ताह में एसईसीएल को उपलब्ध हो जायेंगे..
63 बेसिक लाईफ सपोर्ट सिस्टम एम्बुलेंस में से सोहागपुर क्षेत्र को 8 एम्बुलेंस, गेवरा क्षेत्र को 2 एम्बुलेंस, हसदेव क्षेत्र को 9 एम्बुलेंस, चिरमिरी क्षेत्र को 6 एम्बुलेंस, बिश्रामपुर क्षेत्र को 2 एम्बुलेंस, बैकुण्ठपुर क्षेत्र को 4 एम्बुलेंस, जोहिला क्षेत्र को 8 एम्बुलेंस, जमुना कोतमा क्षेत्र को 4 एम्बुलेंस, कोरबा क्षेत्र को 6 एम्बुलेंस, दीपका क्षेत्र को 1 एम्बुलेंस, कुसमुण्डा क्षेत्र को 1 एम्बुलेंस, रायगढ़ क्षेत्र को 6 एम्बुलेंस, भटगांव क्षेत्र को 4 एम्बुलेंस एवं मुख्यालय बिलासपुर को 2 एम्बुलेंस उपलब्ध कराया जाएगा..
5 एडवांस लाईफ सपोर्ट प्रणाली युक्त एम्बुलेंस में से 1 हसदेव क्षेत्र, 1 गेवरा क्षेत्र, 1 सोहागपुर क्षेत्र, 1 चिरमिरी क्षेत्र एवं 1 बिश्रामपुर क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाएगा.. वर्तमान में एसईसीएल में 49,914 कर्मी कार्यरत हैं.. इन सभी कर्मियों एवं इनके परिवारजनों के लिए कोविड संक्रमणकाल में यह सुविधा निश्चय ही लाभदायक होगी.. एसईसीएल में कुल 3 केन्द्रीय चिकित्सालय, 7 क्षेत्रीय चिकित्सालय एवं 56 डिस्पेंसरी हैं.. इस विस्तृत चिकित्सीय संरचना के माध्यम से एसईसीएल अपने कर्मियों एवं उनके परिवारजनों के लिए उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है.. इन एम्बुलेंस की सुविधा प्राप्त होने से निश्चय ही चिकित्सा सुविधा बेहतर होगी..

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