बाइक में सवार होकर हाथी प्रभावित इलाके का जायजा लेने पहुंचे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत

मैनपाठ। छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत बुधवार को मैनपाट विकासखण्ड के हाथी प्रभावित क्षेत्र कंडराजा, बरडांड और बरपाली में हाथियों के द्वारा तोड़े गए मकानों का जायजा लिया। सड़क खराब होने के कारण अपनी कार से उतरकर कुछ दूर पैदल चले फिर बाइक से ही हाथी प्रभावित परिवारों के बीच पहुंच कर उनकी समस्याएं सुनी और पूरी मदद देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बरडांड में आंगनबाड़ी केंद्र में बनाये गए राहत केंद्र के छत से सीट उड़ जाने के कारण लोगो को हो रही समस्या से राहत देने तत्काल सीट लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही वन विभाग के अधिकारियों को प्रभावित परिवार की संख्या के अनुसार मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराने तथा मुआवजा प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कंडराजा में 42 हाथी प्रभावितों को कंबल, चादर, टार्च और राशन सामग्री का वितरण किया।

मंत्री भगत ने कहा कि लोगों का दर्द जानना हो तो हाथी प्रभावित परिवार के टूटे हुए घरों को देखना होगा। हाथी लोगो का घर तोड़कर अनाज को खा जाते हंै और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे पूरा परिवार आवासहीन हो जाता है। बरसात के समय हाथी के द्वारा घर तोड़ने से लोगो की मुसीबत और बढ जाती है। उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आप लोगांे के दुख दर्द को जानने के लिए यहाँ भेजा है। हाथी प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि हाथी नुकसान तो पहुंचा रहा है लेकिन जनहानि नही होने देना है। हर हाल में लोगों के जान की सुरक्षा करनी है। उन्होंने वन विभाग तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि हाथी के उत्पात से यदि किसी बस्ती के सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की आवश्यकता हो तो वह भी करें। लोगो के मदद में कोई कमी न हो। लोगों को हाथी के झुंड की दिशा में जाने से रोकें। उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि हाथी आक्रामक होते है उसे छेड़ने की गलती बिल्कुल न करें। छेड़ने से हाथी और भी आक्रामक हो जाते हैं जिससे जानमाल का ज्यादा नुकसान हो सकता है।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि गणेश सोनी, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष अटल बिहारी यादव, मुख्य वन संरक्षक अनुराग श्रीवास्तव, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, वन मंडलाधिकारी पंकज कमल, एसडीएम दीपिका नेताम सहित अन्य स्थानीय जन प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।

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