यूपी में धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार ने बढ़या कदम,कैबिनेट की बैठक में पास हुआ प्रस्ताव।

लखनऊ : 18 फरवरी से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसलिए, तय प्रक्रिया के तहत सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण प्रस्ताव को मंजूरी देकर बजट सत्र में इसे सदन से पास कराकर स्थायी कानून बनाने की तरफ कदम बढ़ाया है।

यूपी में धर्मांतरण रोकने के लिए सरकार ने जो अध्यादेश पास कराया था, अब उसे सदन में लाकर मुकम्मल कानून बनाने की तरफ एक कदम आगे बढ़ाया जा चुका है। यूपी में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 का प्रस्ताव पास किया गया।

असल में यूपी में धर्मांतरण कानून पहले ही बन चुका है। लेकिन, पहले अध्यादेश लाकर बिल को मंजूरी दी गई और फिर राज्यपाल की सहमति के बाद इसे कानून बना दिया गया। लेकिन, अध्यादेश के नियमों के तहत सरकार को 6 महीने के भीतर सदन में बिल पेश करके प्रस्ताव पास कराना होता है। ऐसे में अब 18 फरवरी से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसलिए, तय प्रक्रिया के तहत सरकार ने मगलवार को कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण प्रस्ताव को मंजूरी देकर बजट सत्र में इसे सदन से पास कराकर स्थायी कानून बनाने की तरफ कदम बढ़ाया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रस्ताव के अंतर्गत जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले को एक साल से लेकर 10 साल तक की सजा के साथ-साथ अधिकतम 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, इस धर्मांतरण कानून को मंजूरी मिलने के बाद ये कानून अस्तित्व में आ गया है और इसके खिलाफ बरेली से ले कर मऊ तक दर्जनों मामले दर्ज हो चुके।

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