मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर 82 लाख की धोखाधड़ी, बिलासपुर, रायगढ़ और झारखंड के लोग हुई धोखाधड़ी का शिकार बिलासपुर पुलिस के सामने बड़ी चुनौती फिर एक बार

जिले में धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है जिसमे ठग ने कोनी, रायगढ़ और झारखंड की रहने वाली छात्रा का मेडिकल कालेज में एडमिशन कराने के नाम पर 82 लाख ठग लिए है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है कोनी में रहने वाले तरुण साहू व्यापारी हैं। वे अपनी बेटी निखर शारदा साहू का पश्चिम बंगाल में निजी मेडिकल कालेज में एडमिशन कराना चाहते थे। साथ ही उनके रायगढ़ निवासी मित्र दीपक शर्मा भी अपनी बेटी का इसी कालेज में प्रवेश दिलवाने के इच्छुक थे इसके लिए 18 अक्टूबर को तरुण और दीपक दिल्ली गए थे इस दौरान उनके मोबाइल पर फोन आया।फोन करने वाले ने अपना नाम प्रभुदीप सिंह बताया और कहा कि वे सरकारी नियमों के तहत उनकी बेटी का प्रवेश शासकीय सीट पर करा देंगे इसके लिए उन्होंने एक बार मिलने के लिए कहा तरुण ने उन्हें होटल में मिलने बुलाया दोपहर 12 बजे प्रभुदीप सिंह के साथ डाक्टर जियाउल हक रहमानी और दीपक चटर्जी उनसे मिलने आए। उन्होंने बातचीत के दौरान फार्म भरने कहा।इसके लिए 18 हजार रुपये का शुल्क बताया इस पर तरुण ने दो फार्म के 40 हजार रुपये उनके बताए खाते में डाल दिए।फार्म भरने के बाद प्रभुदीप सिंह ने प्रति छात्र 10 लाख रुपये एडवांस मांगे।तत्काल रुपये नहीं होने पर उन्होंने घर जाकर रुपये भेज देने की बात कही। इस पर तरुण और दीपक बिलासपुर लौट आए। यहां से दीपक ने बताए अकाउंट में तीन लाख जमा कराए।वहीं, तरुण ने 10 लाख रुपये जमा करा दिए।बाद में तरुण के झारखंड टाटा नगर निवासी परिचित भागवत वर्मा ने भी अपनी बेटी के एडमिशन की बात कही।इस पर तरुण ने उनकी बात प्रभुदीप से कराई।इसके बाद उन्होंने भी डा. जियाउल को 15 लाख रुपये दे दिए।इस तरह प्रभुदीप, डा. जियाउल हक और दीपक चटर्जी ने तरुण साहू, दीपक शर्मा और भागवत वर्मा से अलग-अलग 82 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद भी उनकी बेटियों का मेडिकल कालेज में एडमिशन नहीं हो पाया।तरुण साहू ने कोनी थाने में 22 लाख रुपये ठगी की शिकायत दर्ज कराई है।कोनी पुलिस ने धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज कर लिया है।

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