आस्था और विश्वास के संयोग का अद्भुत संगम की एक अनूठी पूजा खौलते दूध से स्नान का –देखिए वीडियो


छत्तीसगढ़–आस्था और विश्वास का संयोग की अनोखी है यह पूजा, खौलते दूध से किया स्नान, कराज पूजा देखकर दंग रह गए लोग

हमारे देश में मान्यताएं और परंपरा का अद्भुत संयोग दिखाई देता है ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी आस्था और विश्वास के समागम को देखकर लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे. रामानुजगंज क्षेत्र के विजयनगर में बाकी नदी के तट पर यादव समाज के द्वारा कराह पूजा का आयोजन किया गया. इस पूजा की सबसे खास बात यह है कि खौलते हुए दूध से स्नान किया पांच घड़े में खौलते हुए दूध से स्नान किया. यह नजारा जिसने भी देखा वह सभी आश्चर्यचकित रह गए. इस पूजा को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ साथ अन्य पड़ोसी राज्यों के भी यादव समाज के लोग शामिल हुए।आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम, खौलते दूध से स्नान



विजयनगर में बाकी नदी तट पर कराह पूजा यादव समाज के प्रमुखों के द्वारा पूरे विधि- विधान से पूजा अर्चना की गई।आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम यहां देखने को मिला कराह पूजा के दौरान खौलते हुए 5 घड़े के दूध से जय श्री कृष्ण एवं महामाया मां की जयकारा लगाते हुए गोविंद भगत यादव ने स्नान किया।



द्वापर युग से हो रही कराह पूजा

बनारस से आए गोविंद भगत यादव ने बताया उनका समाज भगवान श्री कृष्ण को अपना पूर्वज मानते हैं मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण द्वापर युग में धरती लोक पर मनुष्य के रूप में आए थे इसलिए द्वापर युग से कराह पूजा होते आ रहा है साथ ही भगवान श्री कृष्ण भी यह पूजा करते थे।




क्यों की जाती है कराह पूजा

यादव समाज के लोगों के बीच प्राचीन समय से यह मान्यता और परंपरा रही है कि कराह पूजा करने से हमारे आसपास की प्रकृति स्वच्छ हो जाती है इस पूजा से जन कल्याण भी होता है साथ ही वातावरण की शुद्धि के लिए भी यह पूजा पूरे विधि- विधान से किया जाता है कराह पूजा से किसी तरह की अनहोनी आपदा विपदा भी टल जाती है।

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