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थाना परिसर में घुसकर पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की घटना के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
अंबिकापुर शहर में इन दिनों राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों की तूती बोल रही है। अब ये गुंडे जनता की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को पीटने से डर भी नहीं रहे और डरे भी कैसे इन गुंडों को प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री का संरक्षण जो मिला है। चलिए आपको आगे बताते हैं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों के गुंडागर्दी की कहानी।
ये नजारा है अंबिकापुर कोतवाली थाने का जहां शनिवार की देर रात ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की कुछ लोग बेदम पिटाई करते नजर आ रहे हैं। इन्हें ना तो पुलिस का खौफ है और ना किसी कार्यवाही का डर बस यह आरक्षक को पीटने में लगे हैं। वही मौके पर तैनात कुछ पुलिसकर्मी आरक्षक को बचाते दिख रहे है। सत्ता के नशे में मदमस्त ये गुंडे रुकने का नाम ही नहीं ले रहे बस आरक्षक पर लात घूंसे बरसाते जा रहे हैं। चलिए आपको आगे बताते हैं पूरा माजरा क्या है
दरअसल शनिवार की शाम यातायात पुलिस ने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करते तीन युवकों को पकड़ा था। इसके बाद पुलिस तीनों युवकों को कोतवाली थाने लेकर आ गई। इस दौरान तीनों युवक कोतवाली थाने में जमकर हंगामा करने लगे।
युवकों को हंगामा करता देख आरक्षक सतेंद्र दुबे ने उन्हें हंगामा करने से मना किया। इसके बाद तीनों युवक तैश में आकर आरक्षक से विवाद करने लगे पुलिस के लाख समझाई इसके बाद तीनों युवकों का हंगामा शांत नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने परिजनों को फोन कर थाने बुलाया। मामला यहीं शांत नहीं हुआ परिजन भी गाड़ी में भरकर थाने पहुंच गए और वाहन से उतरते ही बिना कुछ सोचे समझे परिजन सहित राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडों ने आरक्षक सत्येंद्र दुबे को पीटना शुरू कर दिया यही नही फिल्मी अंदाज में आरक्षक को जान से मारने और नौकरी से निकलवाने की धमकी देते हुए थाने से युवकों को अपने साथ लेकर चले गए। गुंडों की राजनीतिक धौस को देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी भी अपने साथी को बचाने के अलावा कुछ कर भी नही सके। बताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री के करीबी दीपक मिश्रा के मौजूदगी में 9 लोगों ने मिलकर आरक्षक सत्येंद्र दुबे पिटाई की है। वहीं कोतवाली पुलिस ने दीपक मिश्रा, यस सिंह, अंशु वैष्णव, अर्पित मौर्य सहित 9 लोगों के खिलाफ नामजद अपराध पंजीबद्ध किया है।
बहरहाल इस घटनाक्रम से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में इन दिनों गुंडागर्दी चरम पर है। थाने में ही जब पुलिसकर्मी की पिटाई होने लगे तो समझ जाइये की आम जनता कितनी सुरक्षित है। पुलिस ने इस मामले में अपराध तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी होती भी है या नहीं यह भी देखने वाली बात है।