भूमाफिया सेठ को पुलिस ने किया गाजियाबाद से गिरिफ्तार पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवालिया निशान, मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद भी पीड़ित है नाखुश
दिलीप अग्रवाल की कलम से
-सरकारी जमीन में फर्जीवाड़ा कर आदतन धोखाधड़ी करने वाला राजेश सेठ को आखिरकार तारबाहर पुलिस ने गिरिफ्तार कर लिया है । बिलासपुर के तारबहार थाने में दर्ज शिकायत के बाद आरोपी फरार हो गया था और पुलिस को चकमा देने के लिए भेष बदलकर के रह रहा था । पुलिस ने योजनबद्ध तरीके से जालसाज को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से पकड़ने में सफ़लता हासिल की । वही धोखाधड़ी की मुख्य आरोपी रजनी सेठ जो आरोपी की पत्नी भी है वह अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बहार है । जिसकी तलाश पुलिस टीम बनाकर अलग अलग राज्यो में कर रही है । वही पूरे फर्जीवाड़े में सेंट बैंक, नगर निगम के अधिकारी और राजस्व विभाग की मिलीभगत के अहम सुराग भी पुलिस के हाथ मे लगे है जांच के बाद इन सभी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कह रही है ।
इस मामले में जहा पुलिस ने एक आरोपी को गिरिफ्तार किया है वही दूसरी तरफ फर्जी,बनावटी, सर्च रिपोर्ट बनाने वाले इंजीनियर एवँम फर्जी,कूट रचित भवन निर्माण नक्शा, जिसमे नगर पालिका निगम के अधिकारियों के फर्जी, सील हस्ताक्षर करने वाले आरोपियों को अभी तक गिरिफ्तार नही किया है और न ही फर्जी दस्तावेजों के जरिये सेंट बैंकों के अधिकारियों की जिन्होंने जानबूझकर, राजेश सेठ,रजनी सेठ द्वारा अवैध निर्मित,गौठान मद की शासकीय भूमि पर, बिना नक्शा पास कराये, पूर्व से बैंक ऑफ बड़ौदा में गिरवी सम्पति पर फर्जी तरीके से लोन पास कर दिया है इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है ।
पीड़ितो द्वारा दी गई शिकायत के बाद भी नगर निगम,इतने बड़े 18675 वर्गफीट के, 4 मंजिला अवैध निर्माण पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से निगम भी सवालो के घेरे में है जबकी निगम से राजेश सेठ,रजनी सेठ का नियमितीकरण आवेदन भी निरस्त हो चुका है ! बताया जा रहा है पुलिस द्वारा मास्टरमाइंड लोगों के खिलाफ बरती गई नरमी से पीड़ित पक्ष खुश नही है और उनको उम्मीद है कि क़ानून के हाथ आये इस जालसाज के पास से शिकायतो और जांच में आये दस्तवेजो के आधार पर सभी ओरिजनल रिकार्ड जप्त करे और इस फर्जीवाड़े में सलिप्त सभी निगम बैंक और राजस्व के अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवही कर उनको भी सजा दिलाये।