बिलासपुर में चल रहा लाल सिलेंडर का काला खेल.. खाद्य विभाग के अभयदान पर सब्सिडी के सिलेंडर से मुनाफा कमा रहे व्यापारी..

केंद्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों के लिए सब्सिडी दर पर घरेलू सिलेंडर प्रदान करने की योजना चलाई है लेकिन इस योजना में खाद्य विभाग के अधिकारी जमकर सेंध लगाने में जुड़े हुए हैं सामान्यता सरकार द्वारा घरेलू उपयोग और संस्थानों के लिए व्यवसायिक सिलेंडर का विभाजन किया गया है जिसमें व्यवसायियों को उपयोग के लिए नीला सिलेंडर उपलब्ध कराया जाता है और वही आम नागरिक तथा गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे लोगों को सब्सिडी वाला घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाता है छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में लंबे समय से सब्सिडी वाला घरेलू गैस सिलेंडर को व्यवसायिक संस्थानों में उपलब्ध कराकर गरीब जनता का हक मारने का खेल चल रहा है.. लगातार मीडिया में खबर लगने और अनगिनत शिकायतों के बावजूद खाद्य विभाग के अधिकारी और शहरी क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक के कानों में जूं तक नहीं रेंगती.. पूर्व की शिकायतों में भी खाना पूर्ति कर विभाग के निरीक्षक ने अपनी जेब भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी..
पूर्व की शिकायतों पर बंदरबांट का होता रहा है खेल..
लगातार शहर में व्यवसाय के स्थानों पर उपयोग किए जाने वाले घरेलू गैस सिलेंडर के मामले में शिकायतों का लंबा दौर चलता रहा लॉकडाउन के समय में भी लिंक रोड स्थित एक संस्थान की बड़ी मात्रा में घरेलू गैस सिलेंडर एकत्रित कर रखने पर शिकायत की गई थी लेकिन शिकायत के बावजूद कार्रवाई के बजाय विभाग के लोगों द्वारा संस्थान मालिक को फोन कर सूचना दे दी गई थी और कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर दी गई थी शहर खाद्य निरीक्षक को लेकर लंबे समय से शिकायतों का दौर भी चलता रहा है कई बार विभाग द्वारा संस्थानों में तो जाया जाता है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती है जिस तरह शहर में खुलेआम घरेलू गैस सिलेंडर के उपयोग का खेल चल रहा है सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सब्सिडी के पैसे की मलाई अकेले व्यवसाई नहीं खा रहे होंगे बल्कि मलाई का एक हिस्सा खाद्य विभाग तक भी पहुंचता है..

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