धर्म आस्था और विश्वास के साथ खिलवाड़ कर फर्जी धर्म गुरु बनकर की करोड़ों रुपए की ठगी….जादूगरी के हथकंडे से चली बाबा की दुकानदारी…ठगी के शिकार हुए पीड़ित कार्रवाई को लेकर पहुंचे सिविल लाइन थाना…..ठग बाबा पर लगाए गंभीर आरोप.….

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जहां पर धर्म के नाम पर लोगो की आस्था और विश्वास पर अपनी जादूगरी का नमूना दिखाकर उनके करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले धर्म गुरुके खिलाफ बड़ी संख्या में कार्रवाई के लिए थाना पहुंच कर शिकायत दर्ज कराने आए।शिकायत करने आए सिंधी समाज के लोगों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा कि सिंधी समाज के गुरुद्वारा में मुख्य सेवादार दीपक केवलानी उर्फ रंजीत यह व्यक्ति अपना एक मायाजाल बुनकर सिंधी समाज के लोगों को ठगने का काम किया।यह अलग अलग तरीके को अपना कर मुनाफा कमाने का लालच देकर पहले शेयर मार्केट में पैसा लगवाने की बात कहकर महीना बीस प्रतिशत मिलने की बात कही।जिसके बाद यह सिंधी समाज के दो युवकों को अपना शिष्य बनाकर उनको मोहरा बनाकर इन शिष्यों के साथ लोगों को ठगने का काम किया।इसके बाद इस दीपक केवलानी ने अपने दो अन्य साथी के साथ मिलकर धर्म और आस्था के नाम पर समाज की महिलाओं से रकम ऐंठने का काम किया।वही के कई महिलाओं से उनके सोने चांदी के जेवरात को बिकवाकर उनसे रकम ऐंठने का काम किया।

कोरोना काल और ठग बाबा

जानकारी के अनुसार दीपक केवलानी कोरोना के समय बिलासपुर के रामा वेली में किराए के मकान में अपनी पत्नी के साथ आए।जिसके बाद इन्होंने ने चकरभाठा में धर्म के नाम पर दुकान को खोलकर लोगों के ऊपर अपना विश्वास दिलाने के लिए जादूगरी का सहारा लेकर समाज के लोगों को विश्वास को जीत लिया।जिसके बाद धीरे धीरे इनके मानने वाले सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में इनसे जुड़ते चले गए।इसके बाद यह वहां से अपनी दुकान को बंद कर बिलासपुर शहर पर अपना केंद्र बनाया।

मेडिटेशन और जप

बताया जा रहा की दीपक केवलानी चकरभाठा के बाद बिलासपुर शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत नेहरू नगर में एक भवन को किराए में लेकर मेडिटेशन और धार्मिक कर्म कांड का केंद्र स्थापित किए।जिसके बाद यहां पर रात तीन बजे से लेकर सुबह छै बजे तक पूजा पाठ और जप के नाम पर लोगो को बुलाया जाता था।बाबा की जादूगरी के किस्से से लोगों को अपने और आकर्षित करने के लिए इनके दो साथी सिंधी समाज के लोगों बता कर यहां पर इनसे जोड़ने का काम करते थे।धीरे धीरे सिंधी समाज के लोग बड़ी संख्या में।इनसे जुड़ते गए।इनको धर्म गुरु के रूप में मानने भी लगे।

विश्वास जीतकर ठगने का काम

धर्म के नाम पर जब समाज का विश्वास बढ़ गया तो यह अपना शातिराना दिमाग लगाते हुए धीरे धीरे अपने अनुयायियों को रकम ठगने के भयभीत करके उनकी आस्था और विश्वास पर आघात करके तो कभी अपनी कमाई का दस प्रतिशत धर्म के नाम पर इस तरह के हथकंडे अपना कर इनको अपना निशाना बनाया।

दो शिष्य और ठग बाबा

सिविल लाइन थाना शिकायत पर कार्रवाई के लिए आए थाने में दो शिष्य मिले जो अपने धर्म गुरु से पीड़ित थे।इनका कहना था कि दीपक केवलानी और उनके अन्य साथी जो बड़े ही शातिराना अंदाज में हम दोनों को अपने झांसे में लेकर अपना शिष्य बनाए फिर हमको ही अपने ठग वाले गोरखधंधे में इस्तमाल करके हमको ही ठग लिया।वही इन शिष्यों ने अपने बाबा के ऊपर एक बहुत बड़ा गंभीर आरोप भी लगाया कि आत्महत्या करने के लिए उकसाते थे।और सुसाइड नोट लिखवा कर रख लिए थे।

बहरहाल इस पूरे मामले में बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग पंद्रह दिन पूर्व दी शिकायत में कार्रवाई को लेकर थाने पहुंचे थे।वही पुलिस इस मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की बात कर रही।अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच कब तक पूरी होती है और ऐसे ठग बाबा के ऊपर पुलिस कार्रवाई होती है।

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