
चेतना अभियान ने पूरे किए प्रभावशाली एक वर्ष…..“आओ संवारे कल अपना” समर कैम्प का भव्य समापन……चेतना से बदला कई जिंदगियों का नजरिया…..कलेक्टर और एसपी ने साझा किए अपने विचार…..समाजसेवियों को मिला “चेतना मित्र” सम्मान……बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से मोहा मन…. बिलासपुर पुलिस की पहल को मिला जनसहयोग….चेतना के सभी आयामो की झांकी प्रदर्शिनी ने दर्शकों का खींचा ध्यान…..
बिलासपुर– वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में संचालित सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम *“चेतना”* के एक वर्ष पूर्ण होने और पुलिस लाइन बिलासपुर में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों के लिए आयोजित विशेष शिविर *“आओ संवारे कल अपना”* के समापन के अवसर पर पुलिस ग्राउंड, बिलासपुर में एक भव्य आयोजन किया गया।जहां पर मुख्य अतिथि के रूप में जिले कलेक्टर और एसएसपी के अलावा पुलिस विभाग के अधिकारी मंचस्त हुए।कार्यक्रम की शुरुवात दीपकलश को जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह के हाथों दीप प्रज्वलित किया गया।जिसके बाद समृद्धि मानिकपुरी द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति कर समां बांध दिया। पुलिस स्टेडियम ताइक्वांडो ग्रुप द्वारा आत्मरक्षा का ताइक्वांडो डेमो दिया गया।
जिससे बच्चों और युवाओं में आत्मविश्वास का संचार हुआ। आर्या अग्रवाल ने मोबाइल की लत के दुष्परिणामों पर एक सशक्त भाषण दिया। जीवधरणी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत मुरिया नृत्य ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता की सुंदर झलक दी। वहीं महमंद के बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर सभी को सोचने पर मजबूर किया। सुजाता माणिक द्वारा किया गया दण्ड संचालन प्रदर्शन भी सराहनीय रहा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने चेतना अभियान के एक वर्ष की यात्रा को साझा करते हुए बताया कि यह पहल पुलिस और समाज के बीच विश्वास निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा है। उन्होंने बताया कि चेतना के माध्यम से पिछले वर्ष भर में नशा उन्मूलन, साइबर अपराध जागरूकता, लैंगिक समानता, महिला सुरक्षा, बाल अधिकार और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर हजारों बच्चों, किशोरों, महिलाओं और आम नागरिकों को जोड़ा गया। यह अभियान न केवल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव भी रखता है।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में समाज और शासन की साझेदारी को जनकल्याण की कुंजी बताते हुए कहा कि जब प्रशासन के प्रयासों से समाज की भागीदारी जुड़ जाती है, तब परिवर्तन की प्रक्रिया और भी प्रभावशाली हो जाती है। उन्होंने चेतना और समर कैम्प जैसी पहलों को सामाजिक जागरूकता का माध्यम बताते हुए उनकी सराहना की।
इस कार्यक्रम को विशेष बनाते हुए चेतना कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित कुछ व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने मंच से अपने अनुभव साझा किए। इन अनुभवों ने स्पष्ट किया कि कैसे यह अभियान जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक रहा – चाहे वह नशा छोड़ने का निर्णय हो, साइबर अपराध से सतर्कता हो, या फिर आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण।
कार्यक्रम में चेतना अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले समाजसेवियों, संस्थाओं एवं सहयोगी पुलिस अधिकारियों को *“चेतना मित्र”* का सम्मान देकर उनके योगदान को मान्यता दी गई। उन्हें बैज लगाकर मंच से सम्मानित किया गया, जिससे उनके कार्यों का उत्साहवर्धन हुआ। इसके साथ ही *आओ संवारे कल अपना* समर कैम्प में शामिल बच्चों को तथा प्रशिक्षकों को प्रमाण पत्र देकर उनका भी उत्साहवर्धन किया गया।
कार्यक्रम का समापन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा द्वारा दिए गए भावपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने उपस्थित सभी अतिथियों, सहभागी संस्थाओं, बच्चों, प्रस्तुति देने वाले कलाकारों तथा आयोजन में सहयोग करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि बिलासपुर पुलिस आने वाले समय में चेतना जैसे जनसंवेदनशील अभियानों को और अधिक सशक्त रूप में आगे बढ़ाएगी।
यह आयोजन न केवल चेतना और “आओ संवारे कल अपना” की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि समाज के साथ पुलिस की सहभागिता के संकल्प का भी प्रतीक रहा।
इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल (भाप्रसे), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसीसीयू)अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक (लाइन) मंजूलता केरकेट्टा, उप पुलिस अधीक्षक रोशन आहूजा , रक्षित निरीक्षक भूपेन्द्र गुप्ता , विभिन्न थाना प्रभारियों सहित चेतना अभियान में सतत सहयोग देने वाले समाजसेवी संगठन, गैर-सरकारी संस्थाएं तथा जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।