14 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने किया प्रदर्शन,सरकार में ही काम करने वाले कर्मचारियों ने लगाया सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ कर्मचारी एवं अधिकारी फेडरेशन संगठन के सदस्यों ने बुधवार को केंद्र में काम करने वाले कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
सरकारी तंत्र से जुड़े और सरकार का काम करने वाले कर्मचारी ही अब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं।और इसी को लेकर सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने मैदान में उतर चुके हैं।बिलासपुर के ओल्ड कमपोजिट बिल्डिंग से लेकर कलेक्ट्रेट तक कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च किया और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा प्रदर्शन कर कर्मचारियों और अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की 14 सूत्रीय मांग पत्र के मुद्दे के निराकरण हेतु प्रमुख सचिव स्तरीय कमेटी को गठित किया था।समिति को परीक्षण कर अपना अभिमत शासन के समक्ष प्रस्तुत करना था। जो कि, 3 माह समयावधि व्यतीत हो जाने के बावजूद समिति द्वारा किए गए कार्यवाही की कोई जानकारी नहीं है।
जिसकी वजह से कर्मचारी अधिकारी आक्रोशित हैं।छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के महासचिव जीआर चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन के द्वारा 14 प्रतिशत लंबित महंगाई भत्ता 1 जुलाई 2019 को 30 जून 2021 का शेष है वर्तमान में स्वीकृत 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता के बकाए एरिया का भुगतान सातवें वेतनमान का बकाया एरिया प्रांत एवं सातवें वेतन का गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृति देय तिथि अनुसार नहीं किया गया है जो कि, अधिकारी कर्मचारी और पेंशनरों के साथ धोखा है।प्रदेश के शासकीय सेवकों को केंद्र के समान हम भी 14 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृत कर बिलासपुर को बिग्रेड शहर का दर्जा देने की मांग छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने की है।