कोरोना काल में बदतर हो चुके स्वास्थ्य व्यवस्था पर मुख्यमंत्री का बड़ा निर्णय.. सिम्स के डीन और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को हटाने का आदेश..
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में बदतर होते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने बड़ा निर्णय लिया है.. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिम्स के डीन पी.के पात्रा और बिलासपुर जिला अस्पताल की सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है.. मुख्यमंत्री ने तत्काल दोनों को हटाकर बिलासपुर के कमिश्नर डॉ संजय अलंग को पूरा चार्ज सौंप देने की बात कही है.. सीएम ने कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की अव्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक बताया है.. पिछले दिनों सिम्स की व्यवस्था के पड़ताल के लिए गठित कमेटी ने सिम्स का दौरा किया था.. उस वक्त बताया गया कि.. यहां सब कुछ सामान्य है लेकिन टीम द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट का नतीजा अब जाकर सामने आया है, जिसके बाद सिम्स और जिला अस्पताल के प्रमुख पर गाज गिरी है.. कोरोना काल में बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग की लगातार आ रही शिकायतों के बाद आखिरकार बड़ी कार्यवाही की गई है.. प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल काॅलेज में अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ा फैसला लेते हुए सिम्स के डीन पी.के पात्रा और बिलासपुर जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. मधुलिका सिंह ठाकुर को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है..
मुख्यमंत्री ने चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल से कहा है कि वे फौरन दोनों को हटाकर बिलासपुर के कमिश्नर डाॅ संजय अलंग को पूरा चार्ज सौंप दें। सीएम ने लिखा है कि कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की अव्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है.. मुख्मंत्री ने यह फैसला सिम्स की जांच रिपोर्ट के बाद लिया है.. सिम्स की लगातार आ रही शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने हेल्थ विभाग की ज्वाइंट सिकरेट्री डा. प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी.. प्रियंका कमेटी ने तीन पन्ने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.. कमेटी ने जांच रिपोर्ट में कोरोना के समय सिम्स के ओपीडी से लेकर आईसीयू, लेब की व्यापक अव्यवस्थाओं को उजागर किया है.. कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में हैरानी जताई है कि.. कोविड लेब में 32 तकनीशियन हैं, पांच की और भरती होने वाली है.. इसके बाद भी मात्र टेस्टिंग की एक शिफ्ट मेंं चलाई जा रही है.. अस्पताल में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.. ऐसे में एक सिम्स के प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि.. एक सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में एक नियंत्रण दल गठित करना चाहिए..