कोरोना ने किया शहर का हाल बेहाल.. शासन प्रशासन बेसुध.. कंटेटमेंट जोन के नाम जिम्मेदार एक दूसरे के सिर मढ़ रहे जिम्मेदारी..

प्रदेश को कोरोना ने पूरी तरह अपनी जकड़ में ले लिया है.. छत्तीसगढ़ के तमाम बड़े शहर कोरोना के सामने नतमस्तक होते जा रहे है.. छत्तीसगढ़ सरकार भी अब कोरोना के सामने पस्त नज़र आ रहें है.. अब कोरोना संक्रमितों की संख्या में पूर्व के मुकाबले ज्यादा तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है.. एक समय था जब बिलासपुर में पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज के मिलने से पूरे जिले में हाहाकार मच गया था और अब सैकड़ो की संख्या हो जाने के बाद शासन प्रशासन समेत आमजन की कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है.. बिलासपुर के कोने कोने से रोजाना बड़ी मात्रा में कोरोना संक्रमित लोग पाएं जा रहे है..

बिलासपुर जिले में शासन-प्रशासन बेसुध..

कोरोना वैश्विक माहमारी की वजह से शहर समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है.. छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में मई माह तक तो शासन प्रशासन सख्त नज़र आया.. लेकिन बिलासपुर में जून के बाद से धीरे- धीरे मामले बढ़ते चले गए और प्रशासन सुन्न होता चला गया है.. हालात इतने बिगड़े की बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर को 23 जुलाई से 6 अगस्त तक जिले के नगर निगम क्षेत्रों और बिल्हा, बोदरी नगर पंचायत के इलाकों में लॉकडाउन लगाना पड़ा.. बावजूद इसके कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी देखने को ही मिली.. 7 अगस्त को लॉकडाउन खुलते ही कोरोना का ज्वार एक बार फिर शहर की ओर बढ़ा और अब तक लगातार शहर के हर कोने से कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है और इसकी तादाद दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है..

कंटेटमेंट ज़ोन बनना हुआ बंद, दुसरो पर जिम्मेदारी मढ़ने का खेल शुरू..

बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र शायद प्रदेश का पहला ऐसा इलाका है जहां प्रशासन के अधिकारियों के बीच जिम्मदारियों को एक दूसरे के सिर मढ़ने का खेल अपने पूरे शबाब पर है.. एक ओर शहर में लगातार मरीजो के मिलने का सिलसिला जारी है वहीं विभागों द्वारा कंटेटमेंट ज़ोन बनाने चस्पा करने और इलाके को सील करने की जिम्मेदारियों को एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का खेल चल रहा.. जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रमोद महाजन ने कहा कि.. हमारा काम सिर्फ पॉजिटिव मरीजों की लिस्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपना है.. मरीज के घर व इलाके को सील कर चस्पा करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग की है.. वहीं कोरोना काल के संकट में फंसे शहर के पीडब्ल्यूडी अधिकारी गंगेश्री का कहना है कि.. जिला प्रशासन से आदेश मिलने के बाद विभाग द्वारा कंटेटमेंट ज़ोन और इलाके को चिन्हित कर बांस बल्ली से घेरा जाता है.. शहर में पिछले कुछ दिनों से जितने भी पॉजिटिव आएं है चाहे वह नगर निगम सभापति हो या महापौर हो या फिर कोरोना पॉजिटिव से जान गवां चुके 67 साल के गोंड़पारा निवासी बुजुर्ग हो उनके क्षेत्र को कंटेटमेंट जोन घोषित कर इलाके को सील करने का आदेश नहीं मिला है.. इसलिए हमने कुछ भी नहीं किया अगर आगे आदेश नहीं मिलता तो कुछ भी नहीं करेंगे.. हालांकि गोंड़पारा निवासी बुजुर्ग की मौत के बाद इलाके को सील कर कंटेटमेंट ज़ोन घोषित किया गया है..

बाजार के आसपास मिले कोरोना पॉजिटिव.. फिर भी गुलजार है बाजार..

गोंड़पारा, जूनी लाइन, सिम्स चौक इलाके शहर के प्रमुख इलाके होने के साथ-साथ शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र हैं जहाँ जिले भर के लोगों का दिनभर आना जाना लगा रहता है.. पिछले कुछ दिनों में शहर के सबसे ज्यादा मरीज गोंड़पारा सिम्स चौक और जूनी लाइन इलाके से मिले है.. बावजूद इसके जिला प्रशासन इतना निश्चिंत है कि.. उस क्षेत्र में सुबह से रात तक बाजारों को गुलजार करने का मौका दे रहा है इतना ही नहीं इस क्षेत्र में लगने वाले दुकानों में नियमों के इस कदर धज्जियां उड़ाई जाती है कि ठेले खोमचे वाले भी दर्जनभर ग्राहकों को एक साथ ही सामान दिखाते रहते है.. रोजाना इन इलाकों से मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है.. इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा बाजार को बंद कराकर नियमों का पालन करवाना तो दूर कोरोना संक्रमितों के घर को सील कर आसपास के इलाके को कंटेटमेंट जोन बनाने से भी परहेज कर रही है.. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि.. बिलासपुर का शासन प्रशासन कोरोना का तांडव देखने के लिए किस प्रकार उत्साहित नज़र आ रहा है..

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