करोड़ों रूपये खर्च हो गए स्मार्ट रोड पर….. लेकिन चालू नहीं हो पाया ट्रैफिक सिग्नल….यातायात व्यवस्था को लेकर किसकी जवाबदेही……?
बिलासपुर– छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर शहर स्मार्ट सिटी के रूप में अपनी पहचान बना चुका है और वही शहर के कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी योजना के तहत चयन कर करोड़ों रुपए खर्च कर विकास भी किया जा रहा है।आज हम बात कर रहे ऐसे क्षेत्र की जहां पर स्मार्ट रोड पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद यातायात को लेकर लगाए गए सिग्नल बंद पड़े हुए है। शहर के नेहरू नगर स्मार्ट सिटी रोड से नर्मदा नगर को जोड़ने वाली सड़क का हाल बहुत ही दयनीय है इस चौक पर चारों तरफ से ट्रैफिक का दबाव बना रहता है।दबाव के चलते हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इसमें ट्रैफिक पुलिस की निष्क्रीयता साफ देखी जा सकती है ट्रैफिक पुलिस लाख दावे करे कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त है पर हकीकत इसके विपरीत है यहाँ पर जो ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है, वह कई समय से बंद है, इस सड़क से रोजाना वीआईपियों का काफिला गुजरता है इसके बाद भी इस बंद ट्रैफिक सिग्नल को शुरु नहीं करने से न तो वीआईपियों को फर्क पड़ता है और न ही ट्रैफिक पुलिस को।
ट्रैफिक पुलिस को आम जनमानस की असुविधा को ध्यान में रखते हुए नेहरू नगर स्मार्ट सिटी रोड से नर्मदा नगर को जोड़ने वाली सड़क पर संज्ञान लेकर बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल को शुरू कर यहां की यातायात को व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित करने में ध्यान देना चाहिए।इसी रोड़ पर कुछ दूर पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए खम्बा लगाकर छोड़ दिया गया है। इस पर भी ट्रैफिक पुलिस को संज्ञान लेकर यहाँ ट्रैफिक सिग्नल लगाने के काम को जल्द जल्द करने की जरूरत है।बहरहाल इस सड़क मार्ग में सिग्नल लगे होने के बाद भी वहां पर वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए नाही स्टॉपर है और नाही दोनों ही जगहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तैनाती भी नहीं है।
ट्रैफिक पुलिस को इन समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक पहल करना चाहिए,जिससे आम जनमानस को ट्रैफिक समस्या से छुटकारा मिल सके।