सप्तमी की रात महामाया दरबार के पास चाकूबाजी….. श्रद्धालुओ में दहशत…… रतनपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल…..

बिलासपुर–रतनपुर का ऐतिहासिक महामाया मंदिर नवरात्रि के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। लेकिन सप्तमी की रात मंदिर परिसर के पास हुई चाकूबाजी की घटना ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भक्त जहाँ माता के दरबार में आस्था में डूबे थे, वहीं दूसरी ओर अचानक हुई इस वारदात ने अफरा-तफरी मचा दी।जानकारी के मुताबिक, लाइट ठेकेदार बबलू कश्यप का कर्मचारी दीपक गुप्ता अपने दोस्त के साथ ज्योति कलश भवन के ऊपर लाइट की देखरेख कर रहा था। तभी कुछ युवक वहाँ बैठ गए। दीपक ने उन्हें करंट लगने के खतरे की बात कहकर हटाने की कोशिश की। इसी बीच दो युवकों ने अचानक चाकू से हमला कर दिया। घायल अवस्था में शोर मचाने पर उसके साथी मौके पर पहुँचे और तत्काल उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर ले जाया गया।घटना की गंभीरता को देखते हुए एक घायल को सिम्स बिलासपुर रेफर करना पड़ा, जहाँ उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। दीपक गुप्ता निवासी लखराम ने पुलिस को बयान देते हुए बताया कि मामूली सी बात पर युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सप्तमी की रात रतनपुर में यह एकमात्र घटना नहीं थी। अलग-अलग जगहों पर चाकूबाजी की दो घटनाओं से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जिस समय हजारों श्रद्धालु माता महामाया के दर्शन करने पहुँचते हैं, उसी दौरान ऐसी घटनाएँ होना सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलता है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि रतनपुर थाने और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण असामाजिक तत्व नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर भी खुलेआम वारदात को अंजाम दे रहे हैं। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती नहीं होने से श्रद्धालु असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

फिलहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि इतनी भीड़ के बीच पुलिस व्यवस्था क्यों नाकाम साबित हुई? नवरात्रि के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के बीच इस तरह की घटनाएँ न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं।

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