10 साल से मुआवजे के लिए भटक रहा बुजुर्ग, सरकारी अधिकारियों के आज कल में बर्बाद हो रही बुजुर्ग की जिंदगी

बिलासपुर-सरकारी कामों के दौरान अपनी जमीन का बलिदान देने वाले लोगों को मुआवजे के लिए भटकते आपने भी कभी ना कभी देखा ही होगा।खासकर ग्राम पंचायतों में नहर के लिए जमीन देने वाले किसानों और मजदूरों को मुआवजे के लिए किस तरह से परेशान होना पड़ता है।

आपको हमारी इस खबर से पता चल जाएगा बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले बिटकुला ग्राम पंचायत के निवासी रामाधार सूर्यवंशी समाज की ओर से समाज के सीनियर व्यक्ति और बुजुर्ग होने के लिए सम्मानित किया गया है।लेकिन सरकार के अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस बुजुर्ग को दर-दर भटकना पड़ रहा है।10 साल पहले रामाधार सूर्यवंशी की जमीन नहर के लिए अधिग्रहित की गई थी। जिसके बाद उन्हें आवास की दर पर मुआवजे का वादा तत्कालीन अधिकारियों द्वारा किया गया था।

लेकिन आप 10 साल बीत जाने के बाद भी बुजुर्गों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है अधिकारियों के आज-कल की बातों की वजह से इस बुजुर्गों को उसके घर वालों ने ही निकाल दिया है और अब उसे अपने सहारे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।बिलासपुर से मस्तूरी एसडीएम से बार-बार विनती के बाद भी आज तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया या फिर मुआवजे के लिए उन्हें कोई अंतिम तिथि नहीं दी गई है। लेकिन हर बार फरियाद लगाने वाले रामाधार सूर्यवंशी को आश्वासन जरूर दिया जाता है।बिलासपुर कलेक्टर ऑफिस में भूख हड़ताल पर बैठने की बात अब रामाधार सूर्यवंशी कर रहे हैं क्योंकि कलेक्टर के पास फरियाद लगाने के बाद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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