लॉकडाउन से पहले ही न्यायधानी की सड़कों और बाजारों पर लापरवाह लोगों ने बांटा कोरोना का ख़तरा.. ऐसे में कैसे सफल होगा लॉकडाउन..

कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व की हालत खराब कर रखी है.. मामलों की बात करें तो पूरे विश्व में भारत कोरोना के बढ़ते मामलों पर अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है और जिस तरह लगातार मामले मिल रहे हैं इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि.. वह अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा.. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी कोरोना संक्रमितों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है.. बार-बार लॉकडाउन ना करने की बात करते हुए भी छत्तीसगढ़ के आधे से अधिक जिलों में फिर एक बार प्रशासन को मजबूरन लॉकडाउन करना पड़ रहा है.. छत्तीसगढ़ के कई प्रमुख जिलों में कल से 1 सप्ताह के लिए कड़े नियमों के साथ लॉकडाउन लगने जा रहा है.. प्रशासन की कोशिश है कि.. किसी तरह कोरोना के बढ़ते संक्रमण को स्थिर कर उसकी चैन को तोड़ी जाए और इसलिए लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है.. लेकिन लॉकडाउन की पूर्व संध्या में जिस तरह से राजधानी, न्यायधानी समेत छत्तीसगढ़ के तमाम बड़े शहरों के बाजारों और सड़कों की हालत रही उसे देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता की लापरवाही किस चरम पर पहुंच चुकी है..बिलासपुर के सभी बाजारों में आज देर शाम तक भीड़ देखने को मिली लॉकडाउन से पहले की संध्या में इस कदर नियमों की धज्जियां उड़ाई गई कि मानो कोरोना वैश्विक महामारी का आगमन कल से शहर में होने वाला है प्रशासन द्वारा लॉकडाउन तो शहर में लगाया जा रहा है लेकिन उससे पूर्व किसी प्रकार की सावधानी यह तैयारी कहीं देखने को नहीं मिल रही शहर के सड़कों और बाजारों की जो हालत है उसे देखकर शायद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया भर में फैली इस महामारी को लेकर हमारी सोच आज भी कितनी लापरवाह भरी है.. जनता के साथ-साथ प्रशासन भी सिर्फ लॉकडाउन के भरोसे ही अगर कोरोना को रोकना चाहती है तो शायद सालों साल भी अगर लॉकडाउन इसी तरह चलता रहे तो फिर उसका कोई फायदा ना होगा..

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