संचालक के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त, दो सुपरवाइजर निलंबित
जयदेव सिंह की रिपोर्ट
महासमुंद। महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और रेडी टू ईट में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अनशन पर बैठे महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले की शिकायत अंततः सच साबित हुई।
प्रारंभिक जांच में संचालक महिला एवं बाल विकास की दिव्या मिश्रा ने दो महिला स्व सहायता समूह एवं दो सुपरवाइजर को निलंबित किया है। वहीं संचालक और कलेक्टर के समझाइश के बाद श्री बोदले अनशन समाप्त कर दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग में हुये भ्रष्टाचार को लेकर आज कलेक्ट्रेट सभागार में संचालक दिव्या मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि, सुधाकर बोदले द्वारा की गई शिकायत की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पायी गई है। इसके लिए ग्राम बरोण्डा बाजार के प्रगति महिला स्व सहायता समूह एवं लभरा खुर्द के एकता महिला स्व सहायता समूह सहित दो सुपरवाइजर शशि जायसवाल और दीपमाला तारक को निलंबित किया गया है।
पत्रकारों के सवाल पर संचालक दिव्या मिश्रा ने कहा कि, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत वितरण किया गया उपहार सामग्री की गुणवत्तापूर्ण है या नहीं उन विवाहित जोड़े से मिलकर सत्यापन किया जाएगा। फिलहाल जांच के पश्चात निलंबन की कार्यवाही की गई है। वहीं इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले का कहना है कि, सच्चाई की जीत है। दोशियों पर कार्यवाही शुरू हो गई है जो निश्चित ही उन सभी हितग्राही और उन कुपोषित बच्चों को इसका लाभ जरूर मिलेगा। सुधाकर बोदले कहा कि, संचालक और कलेक्टर के जांच और कार्यवाही के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त किया है।
बता दें कि, महिला एवं बाल विकास विभाग में वर्ष 2020-2021 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत नव विवाहितों जोड़े को उपहार सामग्री दिया जाता है। लेकिन महासमुंद के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निम्न क्वालिटी का उपहार दिया था। जिसमें करीब 20 लाख रुपये का भ्रष्टाचार किया गया था। इसी तरह रेडी टू ईट जो कुपोषित बच्चों को पोष्टिक आहार दिया जाना होता है लेकिन विभाग द्वारा गुणवत्ताहीन रेडी टू ईट कुपोषित बच्चों को वितरण किया जा रहा था। जिसकी शिकायत और जांच प्रतिवेदन विभाग प्रमुख सहित कलेक्टर से की गई थी लेकिन किसी ने कार्यवाही करने की जहमत नहीं दिखाई।