राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में जिले के चार शिक्षक सम्मानित.. ज्ञान की रौशनी के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला देते हैं शिक्षक – राज्यपाल अनुसुईया उईके
बिलासपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने की परपंरा के तहत राज्य शिक्षक समारोह 2020 आज वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया..जिसमें राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.. इस अवसर पर प्रदेश के 48 शिक्षकों को राज्यस्तरीय सम्मान दिया गया। जिसमें जिले के चार शिक्षक भी शामिल है।
राज्यपाल सुश्री उईके द्वारा राजभवन में जिले की शासकीय हाई स्कूल लिगिंयाडीह की व्याख्याता श्रीमती रश्मि गुप्ता को डाॅ. मुकंुदधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार एवं श्री दिनेश कुमार पाण्डेय उच्च वर्ग शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओछिनापार, विकासखण्ड कोटा को डाॅ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.. दो अन्य शिक्षक रश्मि सिंह धु्रवे व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल ग्राम पाली और श्रीमती पूर्णिमा मिश्रा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला सरकंडा को भी राज्य पुरस्कार से नवाजा गया है।
इनको कलेक्टोरेट के सभाकक्ष मंथन में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हैरीश एस ने 21 हजार रूपए, शाॅल, श्रीफल देकर सम्मानित किया.. सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि सुश्री उईके ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक अच्छा शिक्षक विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देता बल्कि एक अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा भी विद्यार्थियों को देता है। उनके चरित्र निर्माण में भी योगदान देता है.. माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे गुरू है। वे हमें ज्ञान की रौशनी देने के साथ सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौंसला देते है। हम सबका दायित्व है कि उनका सम्मान करें। राज्यपाल सुश्री उईके ने कोरोना काल के दौरान शिक्षकों के अभूतपूर्व योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस दौरान भी शिक्षकों ने मोहल्ला क्लास और आॅनलाईन क्लास के माध्यम से शिक्षा का अलख जगाए रखा है। राज्यपाल ने कोरोना संक्रमण के दौरान मृत शिक्षकों को श्रद्धांजली दी.. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने यह हमारा प्रयास है।जीवन की प्रथम शिक्षा घर से शुरू होती है। माता-पिता हमारे प्रथम शिक्षक होते है और स्कूल में हमें जीवन के विकास की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक शिक्षक वह है जो जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करने की शिक्षा दे.. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि वर्तमान समय में जीवन मूल्यों में तेजी से गिरावट आ रही है ऐसे समय में शिक्षकों का दायित्व बढ़ गया है। शिक्षक ऐसी शिक्षा प्रदान करें जिससे जीवन मूल्यों का विकास हो सके। समाज शिक्षकों को बड़ी उम्मीद से देख रहा है।
श्री टेकाम ने वर्ष 2021 की राज्य स्तरीय सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों की घोषणा भी की। जिसमें बिलासपुर जिले के दो शिक्षक श्रीमती केरोलाईन सत्तूर प्राचार्य शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक शाला दयालबंद और डाॅ. धंनजय पाण्डेय व्याख्याता शासकीय बहुउद्ेशीय उच्चतर माध्यमिक शाला दयालबंद भी शामिल है।