सोशल मिडिया से लेकर सड़को मे एक ही सवाल कितना माल लिए हो साहब…. कांग्रेस ब्लाक अध्य्क्ष के दबाब मे भी लगा आरोपियों को बचाने का आरोप,फ़जीहत के बाद भी साहब की कुर्सी बरकरार

बिलासपुर–रतनपुर थाना प्रभारी की गई कार्रवाई के खिलाफ जनता ने मोर्चा खोल दिया है।थाना प्रभारी के चलते पुलिस प्रशासन के खिलाफ जनता का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है पूरा थाना परिसर टीआई हटाओ के नारो की गूंज से गूंज रहा है। बिलासपुर पुलिस सोशल मीडिया पर जमकर टोल हो रही है।सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे कितने मे बिके साहब थाने के अंदर ही महिलाएं टीआई साहब को चूड़ी भेंट कर रही है।कुल मिलाकर एक थानेदार के चलते पुलिस विभाग की सोशल मिडिया से लेकर सड़को तक फ़जीहत हो रही है।

इसी पहले भी एक मामले मे थाना प्रभारी के खिलाफ मुख्यमंत्री से लेकर बिलासपुर रेंज के आईजी से लेकर एसपी तक शिकायत हो चुकी है अयूब मेनन द्वारा की गई शिकायत से तो यही साबित होता है कि वर्तमान रतनपुर टी आई न केवल आदतन सेटिंग बाज है बल्कि राजनीतिक दबाव और पैसे के लालच में किसी की FIR करना या न करना या किसी निर्दोष को जेल भेजना इनके बाए हाथ का खेल है।

पूर्व में अयूब मेनन द्वारा की गई शिकायत अनुसार इन्होंने ब्लाक कांग्रेस कमेटी रतनपुर(शहर) के अध्यक्ष रमेश सूर्या के दबाब मे आकर ब्लेकमेलिंग के अपराधियों को बचाने का काम को भी अंजाम दे चुके है।शिकायत पत्र पर त्वरित अपराध दर्ज करने वाले टीआई कृष्ण कांत पर आरोप है की अयूब मेनन की पत्नी से ब्लैकमेलिंग कर डेढ़ लाख रु मांगने वालों दामोदर सिंह क्षत्री, राजा रावत और रवि रावत के सामने रतनपुर ब्लाक अध्य्क्ष रमेश सूर्या के कहने पर बयान बदला गया और मामले को कमजोर किया गया। अयूब मेनन की पत्नी से ब्लैकमेलिंग कर डेढ़ लाख की मांग करने पर, प्रार्थी/प्रार्थिया की द्वारा FIR दर्ज करने की मांग पर (प्रार्थी की शिकायत अनुसार) थाना प्रभारी रतनपुर द्वारा कांग्रेस नेता रमेश सूर्या को बुलवा कर, प्रार्थी को धमकाते है।जिसकी शिकायत प्राथी ने उच्च स्तर पर जाकर किया गया।

रतनपुर ब्लाक अध्य्क्ष और टीआई साहब इन दिनों अपने कारनामो के चलते मिडिया की सुर्खिया बने हुए हैइंसाफ पसंद टी आई साहब, या आदतन आदी हो गए है राजनीतिक दबाव में काम करने के और वर्दी का उपयोग राजनीतिक से जुड़े लोगो के कहे अनुसार करने को?

वैसे भी रतनपुर थाने के सीमा से जुड़े गांव मे अपना बचपन व्यतीत करने वाले कृष्णकांत को रतनपुर थाने की जिम्मेदारी क्यों दी गई यह समझ से परे है ? पुलिस विभाग को शर्मसार करने वाली इस घटना से अब तो साफ साफ जाहिर हो रहा है की थाना प्रभारी अपने बचपन के परचित लोगो को बचाने के लिए कानून की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे है।

वर्तमान एसपी साहब जहा एक तरफ न्यायधानी मे चौपट हो चुकी क़ानून व्यवस्ता को दुरुस्त करने के लिए पैदल मार्च कर रहे है अपराधियों के खिलाफ मुहीम छेड पुलिस की छबि सुधारने का भरकस प्रयास कर रहे है वही दूसरी तरफ ऐसो थानेदारो के चलते वर्दी दाग़दार हो रही है अब देखना होगा की कब जिम्मेदार अधिकारी सीमा से जुड़े थाने मे थानेदारी कर रहे थानेदार को कब मुक्त करते है और अपने कारनामो से चर्चित टीआई के खिलाफ क्या कार्यवाही करते है।पर इतना जरुर है की पहले ब्लेकमेलिंग के आरोपियों को बचाने और अब रेप पीढ़िता की मां के खिलाफ हुए मामले में थानेदार ने पुलिस की निष्पक्षता को कलंकित किया है !

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