राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके जिला अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुई,गरीब लोगों तक न्याय सुलभ तरीके से पहुंचे, यह सुनिश्चित करने की जरूरत: राज्यपाल,बिलासपुर अधिवक्ता संघ का है गौरवपूर्ण इतिहास,जिला न्यायालय की लाईब्रेरी का विस्तार किया जायेगा: जस्टिस पी.सेम कोशी,राज्यपाल की मौजूदगी में नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने ली शपथ
बिलासपुर–राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके रविवार को जिला न्यायालय परिसर में आयोजित जिला अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुईं। संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों ने संघ के नियमों एवं संविधान के अनुरूप अधिवक्ताओं के हित में काम करने की शपथ ली। समारोह की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं जिले के पोर्टफोलियो जज श्री पी.सैम कोशी ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में सांसद अरूण साव, विधायक धरमलाल कौशिक, महापौर रामशरण यादव, महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार साहू उपस्थित थे।
राज्यपाल सुश्री उईके ने मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने सम्बोधन में नव निर्वाचित जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष चन्द्रशेखर बाजपेयी सहित सभी नये पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे कानून की गहरी जानकारी एवं तर्कपूर्ण दलील के जरिए लोगों को न्याय दिलाते है। लेकिन बदली हुई परिस्थिति में वकीलों की सुरक्षा भी काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। इसके लिए एडव्होकेट प्रोटेक्शन कानून लागू किय किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कानून की पेचीदगियों को आम आदमी समझ नहीं पाते हैं। इसलिए स्थानीय भाषाओं में भी जजों के फैसले सुनाये जाने चाहिए। इसके लिए प्रयास किये जाने पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग सीधे-सादे हैं। काफी संख्या में लोग निम्न आय समूह में आते हैं। उनके पास कोर्ट में अपना केस लड़ने की आर्थिक हैसियत नहीं होती है। विधिक सहायता प्राधिकरणों के जरिए उन्हें कानून की जानकारी देकर उनके केस की पैरवी भी सरकार की ओर से किये जाने की व्यवस्था का गंभीरता के साथ पालन किया जाना चाहिए।
सुश्री उईके ने कहा कि पटनायक आयोग ने छोटे-मोटे अपराधों में संलिप्त आदिवासियों की रिहाई की सिफारिश की है। न्यायालय ऐसे मामलों की प्राथमिकता के साथ समीक्षा कर उनकी रिहाई सुनिश्चित करे। बड़ी संख्या में ऐसे लोग जमानत नहीं मिलने के कारण बरसों से जेल की सजा काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की एक बड़ी आबादी आदिवासी समुदाय की है। उन क्षेत्रों में लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक हित संरक्षण के लिए पेसा कानून लागू किया गया है। कानून की भावना के अनुरूप इसका क्रियान्वयन होन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी आशा एवं विश्वास के साथ पीड़ित व्यक्ति न्याय पाने के लिए वकील के पास जाता है। वकीलों को वह उन्हें अपना संरक्षक मानता है। उनके विश्वास का आदर करते हुए काम करना चाहिए। न्याय पाना आज काफी महंगा हो गया है। गरीब लोगों तक इसे कैसे सस्ता एवं सुलभ तरीके से पहुंचाया जाये, इस पर विचार करने की जरूरत है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं पोर्टफोलियो जज पी.सेम कोशी ने कहा कि जिला अधिवक्ता संघ की ओर से जिला न्यायालय की लाईब्रेरी के विस्तार की मांग आई है। यह उचित एवं जरूरी मांग है। लाईब्रेरी समृद्ध होनी चाहिए। उन्होंने इसे पूरा करने के लिए प्रयास करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला स्तरीय यह पहला संगठन है जिसके शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राज्यपाल महोदया पहुंची है।
समारोह को सांसद अरूण साव, विधायक धरमलाल कौशिक एवं महाधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा ने भी सम्बोधित किया। महाधिवक्ता श्री वर्मा ने कहा कि न्याय व्यवस्था से जुड़ी तमाम संगठनों को राज्य सरकार की ओर से मजबूत करने का गंभीरता से प्रयास किया जायेगा। स्वागत भाषण नव नियुक्त अध्यक्ष चन्द्र शेखर वाजपेयी ने दिया। उन्होंने बिलासपुर अधिवक्ता संघ के 118 वर्ष के इतिहास एवं आजादी की लड़ाई में इनके सदस्यों के योगदान पर प्रकाश डाला। अधिवक्ताओं की समस्याओं एवं मांगों के संबंध में एक ज्ञापन भी राज्यपाल महोदया को सौंपा गया। आभार ज्ञापन क्रीड़ा सचिव मनोज कुमार पाठक ने किया।