तत्कालिन सरकार में डीएमएफ के फंड का बंदरबाट किस तरह से होता है यह रीपा के माध्यम से स्पष्ट हो रहा है : कौशिक…..पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में उठाया रीपा का मामला कहा… रीपा में हुई अनियमितता पर चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर होनी चाहिए जांच… उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्वीकार जांच की मांग, कहा 3 महिनों में होगी जांच

बिलासपुर–पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि आज सदन में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से रिपा को लेकर सवाल पुछा गया है कि तत्कालीन सरकाल के कार्यकाल में कुल कितने रीपा स्थापित किये गए है। श्री कौशिक ने बताया कि उपमुख्यमंत्री जी के द्वारा जवाब में बताया गया है कि प्रदेश में नवम्बर 2023 तक कुल 300 रीपा स्थापित किये गए है और जिसमें कुल मिलाकर करके लगभग 600 करोड़ रू की राशि उसमें स्वीकृत की गयी है। श्री कौशिक ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले पांच सालों तक रीपा का जो मामला आया और प्रदेश के कोई भी क्षेत्र में देखा जाए तो अधिकतर रीपा में ताला लटका हुआ है, कहीं मशीन नही ंतो कहीं मशीन बंद पड़ा हुआ है इसके बावजूद सरपंचों से हस्ताक्षर करा करके उसमें अधिकारियों के द्वारा खरिदी की गयी। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ के योजना में 50 से 80 लाख रू प्रोजेक्ट के लिये लिया गया है।इससे स्पष्ट हो रहा है कि तत्कालिन सरकार के चलते डीएमएफ के फंड का बंदरबाट भारी मात्रा में हुआ है। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के राशियों का कैसें बंदरबाट किया जाता है वो रीपा के माध्यम से देखने को मिला और इन सारी अनियमितता एवं करप्शन को लेकर के उपमुयख्मंत्री जी से जांच की मांग की गयी है कि मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए ताकि सारे मामले से पर्दा उठ सकें । श्री कौशिक ने बताया कि उपमुख्यमंत्री द्वारा जांच की मांग को स्वीकार करते हुए जांच का आदेश दीया गया है और अगले 3 महिनों का समय उपमुख्यमंत्री जी द्वारा दिया गया है।

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