थाने में घंटे सैकड़ों की संख्या में जुटी रही भीड़, विधायक शैलेश पांडे पहुंचे थाने,पुलिस अधिकारियों के सामने ही लगे पुलिस प्रशासन हाय-हाय के नारे
बिलासपुर पुलिस एक बार फिर से निशाने पर तब आ गई जब एक मामलेेे को शिकायत करने पहुंचे,लोगों के एक साथी को पुलिस ने 4 घंटे थाने में बैठा दिया।4 घंटे तक थाने के अंदर ही लायन आर्डर की धज्जियां उड़ती रही और कई थानों के थानेदार मूकदर्शक बने माहौल को देखते नजर आए। आपको पूरा मामला बताने से पहले बता दे कि माहौल इतना गरमा गया था।
कि शहर विधायक शैलेश पांडे को थाना सिविल लाइन आना पड़ा और पुलिस को ही समझाना पड़ा। दरअसल पूरा मामला बिलासपुर के सिविल लाइन थाना अंतर्गत होटल ग्रैंड अम्बा का है, जहां शादी समारोह के दौरान होटल प्रबंधन और शादी में आए लोगों के बीच जमकर विवाद हो गया।विवाद इतना बढ़ गया कि होटल प्रबंधन और उनके कर्मचारियों द्वारा शादी में आए लोगों को धक्के मार कर बाहर निकालते और फिर बाहर रोड में जमकर मारपीट होने का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
थाने में पहुंचे लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शादी में शामिल होने कुछ लोग आए हुए थे जहां होटल ग्रैंडअम्बा में पार्किंग को लेकर प्रबंधन और शादी में आए लोगों की कहासुनी हो गई देखते ही देखते कहासुनी इतनी बढ़ गई कि वह प्रबंधन और शादी में आए लोगों के बीच मारपीट का कारण तक बन गई।
होटल के बाहर कर्मचारियों और शादी में आए लोगों के बीच जमकर लड़ाई हुई जिसमें महिलाओं के साथ भी होटल प्रबंधन द्वारा जमकर बदसलूकी की गई। फिर क्या था जैसे ही शादी में आए लोग खुशियां मनाने के बजाय अपनी फरियाद लेकर सिविल लाइन थाना पहुंचे, सिविल लाइन पुलिस को दोनों ओर से शिकायत दी गई।लेकिन पुलिस द्वारा सिर्फ शादी में आए लोगों के एक व्यक्ति को थाने में बैठा लिया गया जिसके बाद एक-एक कर लोग वहां जुटने लगे और देखते ही देखते थाने के अंदर ही मेला लगने लगा।
इधर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी नदारद रहे लेकिन कई थाना के थाना प्रभारी और कोतवाली और सिविल लाइन सीएसपी मौके पर मौजूद रहे।जहां लोगों और पुलिस के बीच कई बार जमकर तू-तू मैं-मैं हुई माहौल इतना बिगड़ता गया कि थाने पहुंची भीड़ ने पुलिस प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाने शुरू कर दिए।
इधर कांग्रेस नेता मोती थारवानी भी अपने दल बल के साथ थाना पहुंचे जहां उनकी भी पुलिस से जमकर बहस हुई।घंटों तक थाने का माहौल खराब होने के बावजूद भी लॉयन ऑर्डर सुधारने की कोशिश किसी भी ओर से होती हुई दिखाई नहीं दी, जिसके बाद नगर विधायक शैलेश पांडे थाने पहुंचे और उन्होंने थाना प्रभारी के कक्ष में सिविल लाइन थाना सीएसपी और थाना प्रभारी को समझाया जिसके बाद सुपुर्दनामा देकर युवक को छोड़ दिया गया।
बहरहाल अब वीडियो फुटेज जब तक कर मामले की जांच की जाएगी लेकिन इस बीच एक बार फिर बिलासपुर में पुलिसिंग को लेकर कई सारे सवाल खड़े हो गए कि आखिर थाने में हजारों की संख्या में एकत्रित हुए लोगों को घंटों तक खड़े रहने और स्थिति बिगाड़ने की अनुमति किसने दी,और थाने के अंदर ही लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बुरी तरह चरमरा सकती है तो फिर शहर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पुलिस किस तरह कायम रखी जा सकती है बहरहाल पिछले कुछ मामलों से देखा जा रहा है।
कि बिलासपुर में यह ट्रेंड ऐसा हो चला है किसी भी मामले को लेकर भीड़ एकत्रित कर लिया जाता है और फिर थाने पर दबाव बनाने का काम भी किया जाता है पुलिस द्वारा स्थिति ना संभाल पाना भी अजीबोगरीब नजर आता है।
मामला बिगड़ने से पहले ही जैसे ही नगर विधायक शैलेश पांडे मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया उससे एक बार फिर विधायक के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता नजर आ रहा है।