सिम्स प्रबंधन की अवैध मनमानी, नियम को धराशाई कर कौन ले रहा है अवैध लाभ–पढ़िए पूरी खबर

बिलासपुर–बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल छत्तीसगढ़ मेडिकल साइंस ऑफ कॉलेज यानी के सिम्स के भीतर इन दिनों भर्रा शाही और लालफीताशाही का जीता जागता उदाहरण बना हुआ है।

सालों से लचर होती स्वास्थ्य व्यवस्था और मनमानी की वजह से आज सिम्स अस्पताल अपनी बदहाली का रोना रोता नजर आता है,और उसमें भी काली मलाई के अवैध दुकान खुलवा कर उसे खुला संरक्षण देना प्रबंधन की इमानदारी पर बेईमानी का ठप्पा लगाने के लिए काफी है। दरअसल सिम्स अस्पताल के अंदर कोई भी दुकान या किसी भी कार्य के लिए अनुमति और नियमानुसार टेंडर की जरूरत होती है लेकिन मुख्य गेट के अंदर बना फोटोकॉपी दुकान नियम कानून को मुंह चढ़ाता नजर आ रहा है।

इस संबंध में प्रबंधन से कई बार जानकारी और अनुमति के संबंध में जानने की कोशिश की गई है लेकिन प्रबंधन को उंगली में नचाने वाले अधिकारियों के मुंह पर फोटोकॉपी दुकान की काली मलाई इस तरह से जम गई है कि वह किसी भी प्रकार का जवाब देना जरूरी नहीं समझते। सिम्स की कार्यप्रणाली और अधिकारियों की लालफीताशाही को लेकर स्वास्थ्य मंत्री भी नाराजगी जता चुके हैं। लेकिन अगर प्रदेश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य अथॉरिटी भी सिम्स के सामने तक नही नजर आती है।और जिसकी हम बात कर रहे उस दुकान के संबंध में जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो सिम्स प्रबंधन को इस बात की जानकारी तक नही है।उनके परिसर में कई महीनो से फोटो कापी की दुकान संचालित हो रही है।यह खुलासा सिम्स प्रबंधन ने अपने दिए जवाब में उल्लेख किया है।

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