आफत में संडे बाजार….निगम प्रशासन ने किया बेबस…..जिला प्रशासन से लगाई गुहार…..व्यवसाय करने वालों ने जताई नाराजगी….बैठ गए कलेक्ट्रेट परिसर के सामने

बिलासपुर–रविवार को निगम प्रशासन के अतिक्रमण दस्ता ने रामसेतु मार्ग पर बने नए रिवर रोड में लगने वाले संडे मार्केट पर नकेल कसते हुए रोड से हटाते हुए वही नदी किनारे एक खाली पड़े भूभाग में बाजार लगाने के लिए कहा गया।जिसके बाद संडे मार्केट वाले इसका विरोध कर हड़ताल में जाने की बात कहते हुए सैकड़ों की तादाद में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते हुए व्यवसाई बीच सड़क पर कलेक्ट्रेट परिसर के सामने घेराव करते हुए धरने में बैठने पर मजबूर हो गए।

दरअसल बिलासपुर में लंबे अरसे से संडे के दिन मार्केट सदर बाजार गोल बाजार क्षेत्र में में लगाया जाता था इन व्यवसाय करने वाले छोटे व्यापारियों को यातायात सुविधा को बरकरार रखने के उद्देश्य से इन्हें एक माह पहले अक्टूबर में सदर बाजार से विस्थापित करते हुए इन्हें नए रिवर व्यू में भेजा गया अब ये व्यापारी बिना नाराजगी जताए सदर बाजार के लगने वाले संडे मार्केट को छोड़कर रिवर व्यू में संडे मार्केट लगाना शुरू कर दिए।

उनका व्यवसाय धीरे धीरे इस स्थान में भी अच्छा खासा जमना भी शुरू हो चुका था लेकिन अब निगम ने उन्हें वहां से भी हटाकर नीचे नदी के ऊपर जगह दिया वजह सड़क निर्माण होने को बताया जा रहा है।जिससे इन संडे मार्केट लगने वालों का गुस्सा फुट पड़ा।अब जब इन्हें रामसेतु मार्ग रिवर व्यू में जगह दी गई लेकिन अब राम सेतु से हटा कर नीचे नदी पर मिट्टी से भरी जगह पर इन्हें अचानक संडे को निगम के अधिकारी पहुंचे और इन्हें रामसेतु रिवर व्यू पर व्यापार नहीं कर सकते कहते हुए इन्हें वह भी लगाने नहीं दिया गया ये लोग नीचे नदी पर व्यवसाय नहीं करना चाहते क्योंकि वहां इनके लिए सुविधा नहीं न बिजली है और न ही साफ सुथरी जगह ये सड़क पर अपना संडे मार्केट लगाते थे और इनकी मांगे है को संडे मार्केट रामसेतु सड़क पर ही लगे।प्रशासन के इस तरह के व्यवहार से गुस्साए लोग सीधा कलेक्ट्रेट परिसर जा पहुंचे और वहीं परिसर के सामने सड़क पर बैठ और अपनी नाराजगी जताई हालांकि इसी दरमियान नायब तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा पहुंची और उन्हें दूसरे दिन कोई भी पांच प्रतिनिधि करने वाले व्यवसाइयो को अगले दिन लिखित में अपनी मांगों को लेकर निगम आयुक्त के पास रखने की बात कहते हुए इन्हें समझाइश देते हुए इनके आक्रोश को शांत की।अब सबसे बड़ा और अहम सवाल यह उठता है इन्हें दुबारा विस्थापित करने की वजह चाहे सड़क जाम की हो या फिर सड़क निर्माण कार्य होने का या तो प्रशासन को इन्हें रामसेतु पर संडे मार्केट लगाने नहीं देना था और अगर दिए तो सभी समस्याओं और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बाद ही इन्हें संडे मार्केट लगाने देना था।

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