अरपा नदी उफान में,कई निचली बस्तियों में घुसा पानी,शासन प्रशासन राहत बचाव में जुटे

बिलासपुर-प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बिलासपुर लगातार बारिश के कारण यहां के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते जीवनदायिनी अरपा नदी अपने पूरे उफान पर बह रही है। शनिचरी से चिंगराजपारा को जोड़ने वाला रपटा पूरी तरह डूब चुका है लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने बैरिकेड लगाकर रपटा को पूरी तरह से बंद कर दिया है वही भी क्या करते समय बीता जा रहा है।

और अरपा नदी और उफान में होती जा रही है लगातार बढ़ रहे जलस्तर से निचले इलाकों के कई घरों में पानी भर गया है लोग अपने घर का सामान निकालने में जुटे हुए हैं और किसी तरह अपने परिवार को सुरक्षित जगह पहुंचाने की जुगत में भिड़े हुए हैं बारिश की वजह से अरपा भैंसाझार बांध भी लबालब हो गया और प्रशासन को बांध के गेट खोलने पड़े।

गेट खुलने से अरपा नदी का जलस्तर बढ़ गया। नदी में तेजी से पानी आया शहर के बीच से बहने वाली अरपा के दोनों किनारों पर भी पानी चढ़ गया। बुधवार की दोपहर शनिचरी बाजार रपटा भी बढ़े हुए जल स्तर की वजह से डूब गया। नदी का पानी उसके ऊपर से बहने लगा। यह रपटा चांटीडीह, राजकिशोर नगर, मोपका, सीपत, कोरबा, जांजगीर जाने वाले हजारों लोगों की आवाजाही का जरिया है।

हालांकि अरपा में और पुल भी हैं, लेकिन रपटा लोगों के लिए शार्टकट पड़ता है, इसलिए इसी से आनाजाना किया जाता है। फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर शनिचरी रपटा से लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई तो वहीं सरकंडा, जूना बिलासपुर और दोमुहानी समेत अरपा नदी के तटीय और निचले इलाकों में सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।वही शहर के कई निचली बस्तियां जो नदी किनारे है।

वहाँ घरों में पानी भरने की सूचना मिलने पर निगम आयुक्त और महापौर दयालबंद क्षेत्र में पहुँच कर वहाँ के रहवासियों को राहत सामग्री और उनके रहने की व्यवस्था में जुट गए है।पुलिस प्रशासन भी नदी का जल स्तर बढ़ने पर नदी के उन संभावित क्षेत्रों में पुलिस टीम तैनात कर राहत कार्य मे जुटी हुई है।ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह लोगों को जान जोखिम में डाल कर नदी नालों को पार कर जाना पड़ रहा है।बीते 24 घंटों के दौरान बिलासपुर में 33.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह आंकड़ा औसत बारिश के आंकड़े से अधिक है। जिले से लगे कोटा के ग्राम छपरा पारा, ग्राम पंचायत मोहली, टेंगनमाढ़ा, बेलगहना में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए है। गांव में पानी अब लोगों के घरों में घुसने लगा है। नदी नाले भी उफान पर आ गए है। जिसकी वजह से लोगों को उन्हें पार करके एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भारी जलभराव के कारण कोटा का आसपास के कुछ गांव का संपर्क के भी टूट गया हैं।

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