जिले के कोने कोने में भूमाफियाओं का चलता है जंगल राज.. बकासुर की तरह पैसा गिनता है राजस्व राजस्व विभाग.. भूमाफियाओं के साथ साथ क्या पटवारी तहसीलदार और एसडीएम हो रहे मालामाल..?
बिलासपुर जिले में अवैध प्लाटिंग का खेल शहर से लेकर गांव तक जारी है। वही इस पर कार्रवाई करने के लिए दो विभाग मौजूद है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा। नगरीय क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नगर निगम के पास अधिकार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग मतलब एसडीएम कार्रवाई कर सकते है, परंतु शिकायत होने के बावजूद दोनों विभाग के अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्रवाई तो दूर नोटिस तक नही दी जाती है और जब तक साहब नोटिस देते है तब तक प्लाट की बिक्री हो जाती है.. जबकि नगर निगम और नगर निगम क्षेत्र के बाहर बड़े पैमाने पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है.. इसका जिम्मेदार कौन है.. भूमाफियाओं पर बड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है..
सवाल यह कि कार्यवाही करेगा कौन जब अधिकारी ही उनके साथ हो ? .. बोदरी के डेंटल कालेज के पास खसरा न.435, 436, 437, 432, 433, 442, 443, 444, 445, 446, 447 448, 449, 450, 451, 452, 453अवैध प्लाटिंग जोरो पर हो रही है.. सूत्रों की माने तो कही जमीन के धंधा में हवाला कारोबारी तो सामिल नही है, भूमाफियाओं के साथ राजस्व अधिकारी की मिलीभगत साफ साफ नजर आ रही है ?.. ऐसे में कई सवाल उठ रहे है। प्रदेश में लॉक डाउन और आर्थिक मंदी के वावजूद जिले में जिस तरह जमीन का कारोबार तेजी ऊपर उठ रहा है और अवैध प्लाटिंग के धंधा में करोड़ो रूपये लग रहे है ये अपने आप में बड़ी बात है..बोदरी में अवैध प्लाटिंग का खेल भूमाफियाओं द्वारा किया जा रहा है.. जानकारों का कहना है कि.. रेरा अधिकारियों का क्या फायदा जब जगह जगह अवैध प्लाटिंग हो रहा है.. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि रेरा ऑफिस को बंद कर देना चाहिए.. अब देखने वाली बात यह है कि.. जिले का मुखिया जिलाधिकारी क्या कार्यवाही करते है..