
थाना प्रभारी की कारगुज़ारी…..पत्रकार से चैटिंग कर थानेदारी का दिखा रहे रौब….जानिए क्या मामला…..
बिलासपुर –अपराध और अपराधियों को लेकर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में नजर आते हुए दिख रही है।पूरे प्रदेश में जहां भाजपा की साय सरकार सुशासन का आगाज देकर प्रदेश की जनता की जनता से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए निकल पड़े है।वही दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र के एक थानेदार अपने पद का रुतबा दिखा कर पत्रकार से चैटिंग के माध्यम से डराने का सिलसिला जारी कर अपना आतंक फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। बिलासपुर के एसएसपी रजनेश सिंह अपने मातहत पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को लगातार दिशा निर्देश जारी कर कानून व्यवस्था और बेहतर पुलिसिंग से आम जनता के बीच पुलिस की साफ और अच्छी छवि से उनके प्रति विश्वास कायम हो इसके लिए प्रयासरत है।लेकिन वहीं दूसरी और थाने में बैठे थानेदार अपनी मनमर्जी चलाते हुए कार्रवाई की दशा दिशा को तय करते है।भले न्याय की आस में आए पीड़ित को कितना भी भटकना पड़े इस बात से इनको कोई सरोकार नहीं है।नाही अपने उच्च अधिकारी के द्वारा जारी दिशा निर्देश को लेकर गंभीर दिखते। ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर जिले की रतनपुर पुलिस लूट के मामलों मे गंभीर नजर नही आई।
गुरुवार की लूटपाट और छिना छपटी जैसे गंभीर मामले मे रतनपुर पुलिस ने लगभग तीन दिन बीत जाने के बाद भी जीरो पर दर्ज हुई एफआईआर से जुड़ी डायरी फाइल, कोनी थाने तक पहुँचवाने की जहमत नहीं उठाई और आनन फानन में रविवार को उस मामले की डायरी को कोनी थाना भेजा गया।यह घटना शांत भी नहीं हुई की रतनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मोहतराई में निर्माणाधीन एस ब्रिक्स प्लांट में तीन चार लोगों ने चोरी की घटना को अंजाम देते हुए चौकीदार के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिए।लेकिन रतनपुर पुलिस ने चोरी का मामला कायम करने के बजाय चौकीदार के साथ मारपीट का मामला कायम कर दो लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया।जबकि निर्माणाधीन एस ब्रिक्स प्लांट से चोरी किए समान को आरोपियों के पास से बरामद कर थाना लाया गया था।जिसके बाद भी इनके ऊपर चोरी का मामला कायम नहीं किया गया और मारपीट की मामूली धारा लगाकर इनको चलता कर दिया।
बिलासपुर जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों मे लूट की कई घटनाएं बीते दिनों सामने आ चुकी है जिसमें लुटेरो ने सुनसान जगहो पर महिलाओ को निशाना बनाया जिसके कारण जिले मे लुटेरो का खौफ़ बढ़ गया है।
लगातार रतनपुर पुलिस पर लूट के मामलों मे लापरवाही बरतने या लूट की जगह अन्य धाराओ के तहत मामला दर्ज करने के कई गंभीर आरोप लग चुके है । महामाया मन्दिर परिसर मे चाकू के दम पर मोबाइल लूट मामले मे भी सीसीटीवी साक्ष्य होने के बाद मोटर विकल् एक्ट का मामला दर्ज किया गया।
चपौरा क्षेत्र मे ट्रक पर तोडफोड कर मामले मे देर रात को क्षतिग्रस्त ट्रक सहित थाने पहुँचे बाहर के ड्राइवर को रात मे ही बाद मे आना कहकर थाने से चलता करने की भी जानकारी मिली थी,और बीते दो तीन माह पूर्व 27 मार्च को हाइवे मे कोयले के ट्रक ड्राइवर को चाकू के दम पर ट्रक सहित अपरहण कर माँ तारा कोल डिपो मे जबरन खाली करवाने वाले बोलेरो मे आये लुटेरो पर कार्यवाही करने की वजाय थानेदार अपने स्टाफ् के साथ जाकर कोल डिपो मे खुद खड़े होकर कोयला ट्रक मे लोड कर मामले को बिना कार्यवाही के रफा दफा कर दिया। इस मामले मे रतनपुर थाना प्रभारी नरेश चौहान और थाने मे पदस्थ प्रधान आरक्षक के खिलाफ नामजद शिकायत की जाँच भी कोटा थाने मे की जा रही है। फरियादी ट्रक मालिक ने लिखित शिकायत भी की है ,मिडिया मे शिकायत पत्र वायरल होने के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की जांच भी की जा रही है और बयान दर्ज किये भी जा चुके है। मीडिया के हाथ लगे थाना प्रभारी आरक्षक और कोल डिपो की नामजद शिकायत पत्र पर लगाए गंभीर आरोप की जांच भी कोटा थाना मे की जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले मे शिकायतकर्त्ता पर रतनपुर थाना पुलिस द्वारा दबाब बनाने और शिकायत वापिस लेने के लिए बार बार फोन कर थाने भी बुलाया गया। सूत्र का यहाँ तक दावा कर रहे किसी काम से रतनपुर थाना पहुंची महिला अधिकारी ने जब ट्रक मालिक फरियादी को थाने मे देखा तो नाराजगी जाहिर करते हुए अफसर को फटकार भी लगाई थी,और फरियादी को कोटा थाने आने को कहा।
रतनपुर थाना क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों एवं अवैध शराब बिक्री पैसे लेकर छोड़ने एवं जुआ और अवैध गांजा बिक्री की खबर प्रकाशित करने पर स्थानीय पत्रकार को वाट्सअप ग्रुप मे थाना प्रभारी द्वारा दी गईं धमकी का चैट भी इन दिनों पुलिस ग्रुप और पत्रकारों सहित स्थानीय निवासियों मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
बहरहाल पुलिस विभाग की बिगड़ती छवि और थानेदार जैसे संवेदनशील पद की हो रही फजीहत से जिले के उच्च अधिकारियों का रुख क्या होता अब यह देखने वाली बात होगी।