मा बम्बलेश्वरी देवी नगरी डोंगरगढ़ का विकास प्रसाद योजना से होगा, योजना के 43 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि से श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा

माँ बम्लेश्वरी के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध डोंगरगढ़ के पर्यटन विकास की दिशा में आज प्रसाद योजना के रूप में बड़ी शुरूआत हुई। यहां 43 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से पर्यटन विकास की आधारशीला रखी गई। इसमें श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर के निर्माण के साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर ध्यान केंद्र और अन्य सुविधाएं आरंभ की जाएंगी। डोंगरगढ़ में प्रसाद योजना के शुभारम्भ अवसर पर वर्चुअल माध्यम से जुड़े केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी जुडे़ इस दौरान संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के दिनों में डोंगरगढ़ नवरात्रि पर आया था और मेरी धार्मिक स्मृतियां और श्रद्धा इस तीर्थ स्थल से जुड़ी है। यह स्थल सनातन, बौद्ध और जैन मान्यताओं का प्रमुख स्थल है। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता दर्शाता है। इस क्षेत्र में पर्यटन की बड़ी संभावना है। प्रसाद योजना से डोंगरगढ़ के पर्यटन विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। वहीं वर्चुअल माध्यम से जुड़े मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वर्ष 2018 से प्रसाद योजना के अंतर्गत डोंगरगढ़ को लाने की प्रक्रिया चली थी और आज यह पूर्ण हो रहा है। इसमें सांसद, पर्यटन मंत्री और केंद्रीय पर्यटन मंत्री सहित इससे जुड़े सभी लोगों की मेहनत है। डोंगरगढ़ हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म की आस्था का केंद्र है। चैत्र और शारदेय नवरात्रि में हर दिन हजारों लोगों की भीड़ यहां जुटती है। इस योजना से यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिसका लाभ स्थानीय लोगों को होगा। डोंगरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद पर्यटन को आगे बढा़ने के लिए हमने विशेष रणनीति बनाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुझे पर्यटन को आगे बढा़ने की जिम्मेदारी दी है। मैं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से मिला और उन्होंने आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को आगे ले जाएंगे।

कार्यक्रम के दौरान स्वागत करने वालों में कुछ पदाधिकारियों का नाम नहीं होने को लेकर कांग्रेसी आपस में ही उलझ गए। वहीं इस दौरान मंच से ही गृहमंत्री ने लोगों को समझाया। कार्यक्रम के दौरान सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि प्रशाद योजना तीर्थस्थलों में अधोसंरचना सुधार के लिए लाई गई है।

इस योजना के माध्यम से पर्यटन में अभिवृद्धि होगी। इस योजना से देश भर में 31 तीर्थस्थलों को विकसित किया जा रहा है। जिससे डोंगरगढ़ में साढ़े नौ एकड़ भूमि में पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा। यह श्रीयंत्र के आकार का होगा। यहां ध्यान केंद्र, विश्राम कक्ष, प्रसाद कक्ष, सांस्कृतिक मंच, क्लाक रूम, सत्संग कक्ष, प्रदर्शनी गैलरी, लैंडस्केपिंग, सोलर लाइटिंग, पेयजल आदि बुनियादी सुविधाएं होंगी। इस निर्माण के अलावा माँ बम्लेश्वरी के मंदिर की पहाडिय़ों पर सीढिय़ों का जीर्णोद्धार, रेलिंग, शेड, पेयजल सुविधाएं, सोलर लाइटिंग, सीसीटीवी, तालाब सौंदर्यीकरण, बायोटायलेट, मेडिकल रूम, साइनेज आदि बनेंगे। वहीं प्रज्ञागिरी पहाड़ी में ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, पार्किंग, सीढिय़ों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।

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