पश्चिम बंगाल में ममता सरकार लगातार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है-डॉ. मनीष राय
बिलासपुर-पश्चिम बंगाल में 2 मई 2021 चुनाव परिणाम आने के बाद लगातार तृणमूल कांग्रेस की ममता सरकार ने लोकतंत्र और संविधान को तार-तार कर दिया है। जिसमें लगातार हिंदुओं की हत्या, बलात्कार और आगजनी की घटनाएं आम बात हो गई है।
चुनाव परिणाम के बाद आज लगभग सरकार को बनकर 1 वर्ष पूरा होने जा रहे हैं ,इसके बाद भी ममता सरकार पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में असमर्थ है। जिसका परिणाम लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और बलात्कार होना जैसे आम बात हो गई है।हाल ही में रामपुरहाट में लगभग 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया और पिछले 1 सप्ताह के अंदर लगभग 26 लोगों की हत्याएं, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गुंडागर्दी के तहत टीएमसी द्वारा की जा चुकी है,और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जनता के बीच पहुंचकर ड्रामेबाजी कर रही है।
ममता सरकार के ही गुंडे पहले हत्या करते हैं, बलात्कार करते हैं और उन पर मरहम लगाने ममता बनर्जी पैसे बांटने का ड्रामा करती है। इसलिए आज पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की आवश्यकता आ पड़ी है। जिससे पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था सुचारू रूप से स्थापित की जा सके। मुख्यमंत्री अपने ही प्रदेश के राज्यपाल का अपमान करने से भी नहीं चूकती है। तो आप समझ सकते हैं कि लोकतंत्र और प्रजातंत्र, पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से खतरे में आ चुका है। जिस का सबसे बड़ा प्रमुख कारण रोहिंग्या मुसलमानों का ममता सरकार द्वारा बसाया जाना और हिंदुओं का पलायन होना है।भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भी लगातार हो रही हत्याओं और आगजनी के कारण ममता सरकार से रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है।
क्योंकि 2 मई 2021 के बाद से ही जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं और हिंदुओं के साथ बदले की भावना के तहत ममता सरकार द्वारा कार्यवाही की जा रही है ,वह अपने आप में निंदनीय और संविधान के तहत शर्मनाक है।जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ ममता सरकार को चुनाव जितवाया है ,या यह भी कह सकते हैं कि ममता सरकार ने गड़बड़ी करके अपने गुंडागर्दी के दम पर चुनाव जीता है।तो कोई गलत बात नहीं होगी | पश्चिम बंगाल प्रवास के दौरान कट्टर हिंदू नेता डॉ मनीष राय ,दुर्घटना मुक्त भारत ,राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं माधव नेत्रालय नागपुर ने मीडिया के समक्ष रखी। मनीष राय ने कहा कि ममता सरकार अगर पश्चिम बंगाल में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सफल नहीं होती है।तो महामहिम राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगाने को बाध्य होगी। क्योंकि केंद्र सरकार को जनता की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय के रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।विधानसभा चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनाव में भी खुलेआम गोला बारूद और बम फेंके गए ,घरों को जलाया गया और हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या करना और मुसलमानों को संरक्षण देना, ममता सरकार का संविधान बन चुका है। इसलिए अब ममता सरकार अगर उचित एवं कड़ी कार्यवाही अपराधियों पर नहीं करती है।तो केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन लगाने की अग्रिम कार्यवाही करने को बाध्य होगी। डॉ मनीष राय ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जी से तत्काल ममता सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग की है।इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी ने 47 बार राष्ट्रपति शासन लगाने की पैरवी कांग्रेस शासन में कर चुकी हैं।चाहे वह कश्मीर का मामला हो या किसी और राज्य का।