अपने विभाग में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिकारी बैठे अनशन पर,अनशन पर बैठे अधिकारी को पुलिस ने उठाया,जानिए क्या है पूरा मामला

जयदेव सिंह रिपोर्ट

प्रदेश का यह पहले मामला है जहां एक विभाग के अफसर ने अपने ही विभाग के खिलाफ अनशन कर रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं महासमुंद जिले का। जहां महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है। यहां के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुधाकर बोंदले ने अपने ही विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिकारी ने विभाग में हुये भ्रष्टाचार को लेकर लॉक डाउन में अपने निवास में अनशन पर बैठ गए हैं। वहीं अधिकारी के अनशन पर बैठने से जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं।


वर्ष 2020, 2021 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एवं रेडी टू ईट योजना में हुये भारी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग को लेकर अपने ही विभाग के विरुद्ध अनशन पर बैठे हुए हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एवं रेडी टू ईट योजना में 30 लाख रूपए की अनियमितता जांच में साबित होने पर जांच प्रतिवेदन कलेक्टर, संचालक सहित विभाग सचिव को दी है लेकिन कोई भी कार्यवाही अबतक नहीं किये जाने से मजबूरन अनशन पर बैठ गए हैं।जिला महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी सुधाकर बोदले का कहना है वर्ष 2020-2021 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 200 जोड़े के लिए टेंडर जारी किया गया था।

ताकि इन विवाहित जोड़ों को उपहार स्वरूप श्रृंगार, ज्वेलरी सहित घरेलू दैनिक उपयोगी सामग्री आदि दिया जाता है। प्रत्येक जोड़े को करीब 10 हजार रुपये का सामग्री दिया जाना है लेकिन विभाग द्वारा प्रत्येक जोड़े को 5 हजार 483 रुपये मूल्य के सामग्री वो भी गुणवत्ताहीन दिया गया। यह सारी खरीदी महिला एवं बाल विकास विभाग के क्रय समिति द्वारा किया गया था। श्री बोदले द्वारा जांच करने पर सभी सामग्री गुणवत्ताहीन पाया गया। अधिकारी ने संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही के लिए जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों भेजा गया था लेकिन अधिकारियों ने न कोई जांच की और न ही किसी प्रकार की कार्यवाही की गई।

महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी द्वारा अपने ही विभाग में पनप रहे भ्रष्टाचार को लेकर अनशन पर बैठने से एक ओर जिला प्रशासन सहित कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होना लाजिमी है कि, आखिर ऐसे भ्रष्टाचारियों को कौन संरक्षण दे रहा है। तो दूसरी ओर विपक्ष को भी राजनीति करने का मौका मिल गया है। भाजपा नेताओं का आज दिन भर अनशन पर बैठे अधिकारी के निवास पर पहुंचता रहा। नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है लंबे समय से महिला बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

वही मौके पर पुलिस भी पहुँच गई थी और शाम होते ही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी को पुलिस ने अनशन में बैठे अधिकारी को उठा कर अपने साथ पुलिस कंट्रोल रूम ले गई और वहाँ पर अभी उनको रखा गया।इसी बीच जिला कलेक्टर डोमन सिंह ने जंनसंपर्क विभाग के माध्य्म से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अनशन पर बैठे अधिकारी की व्यवहारिकता पर प्रश्न चिन्ह लगते हुए विवादों में घिरे रहना बताया और भ्रष्टाचार को लेकर राज्य स्तरीय जांच चल रही है,जिले लेबल में जांच कर दोषियों को सजा दी जाएगी।वही कोविड गाइडलाइन के तहत इस से धरने में बैठना गलत है।और यह पूरा मामला आपसी खीचतान का लग रहा है।।

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