एकता परिषद द्वारा न्याय और शांति के लिए 21 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पदयात्रा का आयोजन/न्याय एवम शांति के लिए पदयात्रा

रितेश गुप्ता की रिपोर्ट

कोरबा-एकता परिषद द्वारा न्याय और शांति के लिए 21 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पदयात्रा का आयोजन किया गया है पदयात्रा के संबंध में बताया गया की भारत देश आजादी के 75 वर्ष मनाने जा रहा है । 75 वर्षो में भारत में काफी प्रगति की है लेकिन आज भी विकास और न्याय की धारा अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है । जिसके लिए समाज और सरकार दोनों ही जवाबदेही है ।

विकास और न्याय को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना जिससे की समाज और देश में शांति व्यवस्था एवम न्याय हो .. जिसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है । जहां एक और लगातार समाज में हिंसा बढ़ रही है जिसमे हमारी जिम्मेदारी है की हिंसा को रोकने हेतु निरंतर प्रयास करें और अहिंसा को , मनुष्य का मनुष्य के बीच में तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच में होने वाले हिंसा को समाप्त करना चाहिए । हिंसा को हिंसा से रोकने के बदले अहिंसा को विचार और व्यवहार स्तर पर बढ़ावा दें । यह आज की आवश्यकता है । गरीबी और असमानता बढ़ रही है जीवन जीने के संसाधनों और अवसरों पर सबका अधिकार हो इस दिशा में काम अभी भी बाकी है। हम सब मिलजुल कर प्रयास से ही इस दिशा में आगे बढ़ पाएंगे हम सर्वोदय और जय जगत के सिद्धांत पर विश्वास करने वाले लोग हैं ।सब का उदय हो कोई गरीब और विषमताओं से परेशान नही रहे दुनिया में सब की भलाई हो और किसी का हार ना हो, हम चाहते हैं कि एक सुंदर दुनिया को बनाना हो तो विचारों का , बहुत महत्व है शोषण मुक्त समाज की कल्पना इन्हीं सिद्धांतों से साकार होती है।

यह पदयात्रा 21 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस से 2 अक्टूबर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा,, दिवस तक इसलिए चलाया जा रहा है ।कि हम सब शांति और अहिंसा की बात खुलकर करे यात्रा का नाम न्याय एवं शांति यात्रा इसलिए रखा है । कि हम न्याय के माध्यम से शांति प्राप्त कर सकें इस यात्रा में सभी समाज और सभी उम्र के लोग चल रहे हैं जिससे की इन विचारों को गांव-गांव तक पहुंचा सकते हैं महात्मा गांधी ने स्वावलंबी समाज की बात की है। दुख की बात यह है कि हम धीरे-धीरे स्वावलंबी होने के बदले परा लंबी हो रहे हैं । हमारा भरोसा गांव की ताकत पर कम और सरकार की ताकत पर ज्यादा होते जा रही है हम ग्रामीण यदि गांव पर भरोसा करेंगे तो गांव की ताकत बढ़ेगी गांधी जी ने अंतिम व्यक्ति को न्याय दिलाने की बात की है सरकार भी अंत्योदय की बात कर रही है हर समाज में आज भी बड़ी संख्या में संसाधन विहीन लोग गरीबी से लड़ रहे हैं वह भूमिहीन है अवासहिन है और बेरोजगार भी हैं । न्याय पूर्ण समाज की रचना के लिए यह जरूरी है कि हम उन लोगों को उठाया और अपने समकक्ष लाएं यही हालात महिलाओं की है उन्हें भी समकक्ष बनाना है और संसाधनों पर उनके अधिकार सुरक्षित करना है न्याय और शांति के लिए हम सब मिलकर एक एक कदम चले तो मंजिल दूर नहीं है ।

इस महत्वपूर्ण न्याय शांति पदयात्रा में लगभग 16 गांव के मुखिया साथी जिसमें विभिन्न समाज के पदयात्री, भागीदारी सुनिश्चित किए हुए हैं जो ग्राम पंचायत केदाई ,अडसरा से होते हुए 90 किलोमीटर की दूरी तय करके 30 सितंबर को पसान पहुंचेंगे या यात्रा पूर्ण रूप से जनभागीदारी से आयोजित किया गया है ताकि लोगों को गांधी जी के सत्य अहिंसा का मार्ग सब को अवगत कराया जा सके इस पदयात्रा में एकता परिषद के साथी राम सिंह उइके, इंदिरा यादव करमपाल चौहान बृजलाल मार्को जिला संयोजक सुश्री निर्मला कुजुर और एकता परिषद के प्रदेश संयोजक मुरली दास संत , जनप्रतिनिधि में प्रकाश जाखड़ , वचनसाय कोर्राम , चंद्रप्रताप पोर्ते , सुखदेव एवम अन्य का सहयोग रहा तथा एकता कला मंच के द्वारा विभिन्न मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों को प्रदान किया जा रहा है।

Related Articles

Back to top button