रेल हादसे में बढ़ा दर्द — अब तक 12 की मौत, जांच के लिए रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की टीम पहुंची….

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे डिवीजन में मंगलवार सुबह हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। कोरबा से बिलासपुर आ रही मेमू ट्रेन ने लाल खदान स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी को तेज रफ्तार में टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मेमू का इंजन और पहला डिब्बा पूरी तरह चकनाचूर हो गया, जबकि कई डिब्बे पटरी से उतर गए।

हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोग, पुलिस और बचाव दल तुरंत हरकत में आए। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, रेलवे और जिला प्रशासन की टीमें लगातार जुटी रहीं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

ताज़ा अपडेट के अनुसार, हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इलाज के दौरान एक और यात्री ने दम तोड़ दिया। करीब दो दर्जन से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

डिप्टी सीएम अरुण साव ने घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा — “यह बेहद दुखद और पीड़ादायक हादसा है। सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ राहत कार्यों में लगी है। घायलों को सर्वोत्तम इलाज दिया जा रहा है और मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी जाएगी। जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”

इधर, हादसे को लेकर रेलवे की तरफ से भी बड़ी प्रतिक्रिया आई है। SECR के जीएम तरुण प्रकाश ने बताया कि कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की टीम बिलासपुर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि हादसे की साइट का निरीक्षण कर विस्तृत जांच की जाएगी।

“हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि घायलों को पूरा उपचार मिले और उनके परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाए,” — तरुण प्रकाश, GM SECR

हादसे के चलते रेल परिचालन प्रभावित हुआ है, जिसे बहाल करने का काम तेज़ी से जारी है। इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग कह रहे हैं — अगर यह हादसा दिन में हुआ होता, तो जनहानि कहीं अधिक होती।

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