कोयले की अफरा-तफरी पर पुलिस का शिकंजा दो पर एफआईआर, एक नाम की अफवाह,और पूरी सच्चाई कोयले पर कार्रवाई को लेकर पहली बार क्यों मची है खलबल पढ़िए पूरी खबर
बिलासपुर-बीते दिनों रतनपुर पुलिस ने कोयला चोरी का मामला पकड़ा है। इस मामले में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें से एक कोल डिपो का संचालक और दूसरा ट्रैलर ड्राइवर है। वैसे यह मामला सामान्य लग रहा है, लेकिन कोयला के काले धंधे से जुड़े लोग ऐसे मामलों को कैसे सुर्खियां बनाकर आम जनता का मन डायवर्ट करते हैं और अपने प्रतियोगी को बदनाम करने की साजिश कैसे रचते हैं, इसकी बानगी इस मामले में देखने को मिलती है।
रतनपुर पुलिस के अनुसार कोरबा जिले के दीपका थाना क्षेत्र के पालीरोड निवासी संतोष सिंह पिता राजेंद्र सिंह ने रतनपुर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है कि वह फिल कंपनी ब्रांच दीपका में मैनेजर है। 22 मार्च 2022 को ट्रैलर क्रमांक एचआर 58 सी 1717 को डीओ नंबर 8173 में दीपका खदान से कोयला परिवहन के लिए बिलासपुर भेजा गया। इस कोयले की लिफ्टिंग के लिए फिल कंपनी ने अमन बाजवा को नियुक्त किया है। अमन बाजवा द्वारा ही यह गाड़ी दीपका खदान से लोड कराई गई और बिलासपुर घुटकू फिल कोलवाशरी के लिए चालक इंतसार लेकर रवाना हुआ। गाड़ी खदान से लगभग रात 8.38 बजे निकली थी। 23 मार्च 2022 की रात लगभग 1 बजे हमारी कंपनी का पेट्रोलिंग स्टॉफ विकास शर्मा रतनपुर भरारी स्थित जगदंबा कोलडिपो में गया तो वहां देखा कि हमारी कंपनी के डीओ से लगी गाड़ी क्रमांक एचआर 58 सी 1717 खड़ी दिखाई दी। जिसमें से अंदर कोयला चोरी हो रहा था। कंपनी की पेट्रोलिंग गाड़ी को देखकर ड्राइवर इंतसार भाग निकला। सूचना मिलने पर मैं (संतोष सिंह) सुबह करीब 6.30 बजे जगदंबा प्लांट गया तो रवि शुक्ला हमको प्लांट में खड़े दिखाई दिया। इस मामले में पुलिस ने डिपो संचालक और ड्राइवर के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है। इस मामले में रवि शुक्ला नाम का जिक्र किया गया है, लेकिन ये कौन है और कोयले के काले कारोबार से इनका क्या ताल्लुक है यह जानने के लिए हमने अपने संपर्क सूत्र को मजबूत किया तो पता चला कि रतनपुर और बिलासपुर में रवि शुक्ला नाम के सैकड़ों लोग रहते हैं। ज्यादातर ने इस मामले को अनदेखा कर दिया और अपने काम में जुट गए। इस बीच हमारा संपर्क एक अखबार के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार रवि शुक्ला से हुआ। उनसे भी बातचीत की गई तो मामला थोड़ा पेचिदा, लेकिन किसी की छवि को कैसे धूमिल की जा सकती है, इस सच्चाई का पता चला। वरिष्ठ पत्रकार रवि शुक्ला कहते हैं कि चूंकि शहर में उनका बड़ा नाम है और प्रमुख मीडिया में कोयला अफरा-तफरी मामले में इस नाम का उल्लेख होने से मेरे दोस्त और परिवार के सदस्यों ने भी मुझसे पूछताछ की। इस मामले की सच्चाई जरूर उजागर होनी चाहिए, क्योंकि यह मेरा नाम से जुड़ा हुआ मामला है। उन्होंने बताया कि जिस रात कोयला अफरा-तफरी का मामला सामने आया है, उस रात वे अन्य पत्रकार साथियों के साथ द कश्मीर फाइल्स देखने गए थे। फिल्म देखकर वे रात 1 बजे टॉकीज से निकले और अपने घर चले गए। फिर रातभर वे अपने कमरे में सो गए। सुबह 9 बजे उठकर अपनी दिनचर्या के काम में लग गए। वे यह सफाई नहीं दे रहे हैं, बल्कि सच्चाई बता रहे हैं। उनके पास सबूत के तौर पर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज है। पत्रकार रवि शुक्ला कहते हैं कि कोयला अफरा-तफरी मामले में उनका हमनाम शामिल हो सकता है, जिसे देखकर ही फिल कंपनी के पेट्रोलिंग स्टॉफ ने यह नाम बताया होगा। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है, जिस पर उन्हें पूरा भरोसा है कि पुलिस सच सामने ले आएगी और उस समय यह साबित हो जाएगा कि फिल कंपनी का स्टॉफ किस रवि शुक्ला की बात कर रहा था। पत्रकार रवि शुक्ला के बयान से यह तो साफ हो गया है कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए इस मामले को तूल दिया जा रहा है, क्योंकि कोयला चोरी के ऐसे कई मामले पकड़े गए हैं, जिसे चंद घंटों में भुला दिया गया।