
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया…. नवरात्र और नव वर्ष के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के तीन लाख गरीब परिवार अपने नए घर में प्रवेश कर रहे हैं: प्रधानमंत्री…..सरकार गरीब आदिवासियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने के लिए चिंतित है–प्रधानमंत्री…. सरकार आदिवासी समाज के विकास के लिए विशेष अभियान चला रही है– प्रधानमंत्री
बिलासपुर–बुनियादी ढांचे के विकास और सतत आजीविका को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ और लोकार्पण किया। आज नए वर्ष की शुभ शुरुआत और नवरात्र के पहले दिन उन्होंने माता महामाया की भूमि और माता कौशल्या के मायके के रूप में छत्तीसगढ़ के महत्व पर बल दिया। उन्होंने राज्य के लिए स्त्री देवत्व को समर्पित इन नौ दिनों के विशेष महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने नवरात्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ में होने पर सौभाग्य व्यक्त किया और भक्त शिरोमणि माता कर्मा के सम्मान में हाल ही में जारी किए गए डाक टिकट पर सभी को बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि नवरात्र उत्सव का समापन रामनवमी के उत्सव के साथ होगा, जो छत्तीसगढ़ में भगवान राम के प्रति अद्वितीय भक्ति विशेष रूप से रामनामी समाज का असाधारण समर्पण को उजागर करता है, जिसने अपना पूरा अस्तित्व भगवान राम के नाम पर समर्पित कर दिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों को भगवान राम का मातृ परिवार बताते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
इस पावन अवसर पर मोहभट्ट स्वयंभू शिवलिंग महादेव के आशीर्वाद से श्री मोदी ने छत्तीसगढ़ में विकास को गति देने के अवसर पर प्रकाश डाला। उन्होंने 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का उल्लेख किया, जिसमें गरीबों के लिए आवास, स्कूल, सड़क, रेलवे, बिजली और गैस पाइपलाइन शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए सुविधा बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने इन विकास पहलों के माध्यम से हासिल की गई प्रगति के लिए सभी को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने आश्रय प्रदान करने के सांस्कृतिक महत्व पर बल देते हुए इसे महान पुण्य बताया। उन्होंने कहा कि घर का मालिक होने का किसी का सपना पूरा होने की खुशी अद्वितीय है। नवरात्र और नव वर्ष के शुभ अवसर पर उन्होंने इस बात पर बल दिया कि छत्तीसगढ़ में तीन लाख गरीब परिवार अपने नए घरों में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने इन परिवारों को नई शुरुआत के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इन घरों के निर्माण का श्रेय अपने नेतृत्व में दिखाए गए भरोसे को दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लाखों परिवारों के लिए पक्के घर का सपना पहले नौकरशाही की फाइलों में खो गया था। उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को याद किया। उन्होंने कहा कि श्री विष्णु देव के नेतृत्व में, पहला कैबिनेट निर्णय 18 लाख मकानों के निर्माण का था, जिनमें से तीन लाख पूरे हो चुके हैं। उन्होंने खुशी ज़ाहिर की कि इनमें से कई घर आदिवासी इलाकों में हैं, जो बस्तर और सरगुजा के परिवारों को लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने उन परिवारों के लिए इन घरों के परिवर्तनकारी प्रभाव को स्वीकार किया, जिन्होंने अस्थायी आश्रयों में पीढ़ियों तक कठिनाई झेली है। प्रधानमंत्री ने इसे ऐसे लोगों के लिए महत्वपूर्ण उपहार बताया।
श्री मोदी ने कहा, ” सरकार ने इन घरों के निर्माण में सहायता प्रदान की, लेकिन लाभार्थियों ने खुद ही तय किया कि उनके सपनों का घर कैसे बनाया जाएगा”, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ये घर सिर्फ चार दीवारें नहीं हैं, बल्कि जीवन में बदलाव हैं। उन्होंने इन घरों को शौचालय, बिजली, उज्ज्वला गैस कनेक्शन और पाइप्ड पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं से लैस करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति पर ध्यान दिया और कहा कि इनमें से अधिकांश घर महिलाओं के स्वामित्व में हैं। उन्होंने उन हजारों महिलाओं द्वारा हासिल की गई उपलब्धि को स्वीकार किया, जिन्होंने पहली बार अपने नाम पर संपत्ति पंजीकृत कराई है। उन्होंने इन महिलाओं के चेहरों पर झलकती खुशी और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया और इसे अपनी सबसे बड़ी संपत्ति बताया।
प्रधानमंत्री ने लाखों घरों के निर्माण के व्यापक प्रभाव पर बल दिया। इसने न केवल गांवों में स्थानीय कारीगरों, राजमिस्त्रियों और मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए, बल्कि इन घरों के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री स्थानीय स्तर पर प्राप्त की जाती है, जिससे छोटे दुकानदारों और परिवहन ऑपरेटरों को लाभ होता है। उन्होंने कहा कि इन आवास परियोजनाओं ने छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं, जिससे कई लोगों की आजीविका में योगदान मिला है।
श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों से किए गए हर वादे को पूरा कर रही है। श्री मोदी ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की बड़ी संख्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकारी गारंटियों के तेजी से कार्यान्वयन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं से किए गए वादों को पूरा किया गया है, जिसमें धान किसानों को दो साल का लंबित बोनस वितरित करना और बढ़ी हुई एमएसपी दरों पर धान की खरीद शामिल है। इन उपायों से लाखों किसान परिवारों को हजारों करोड़ रुपये मिले हैं। प्रधानमंत्री ने भर्ती परीक्षा घोटालों के लिए पिछली सरकार की आलोचना की तथा उनकी सरकार की पारदर्शी जांच और परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन ईमानदार प्रयासों ने जनता के बढ़ते समर्थन के साथ विश्वास को मजबूत किया है, जो छत्तीसगढ़ में विधानसभा, लोकसभा और अब नगर निगम चुनावों में उनकी जीत से स्पष्ट है। उन्होंने अपनी सरकार की पहलों के लिए लोगों के जबरदस्त समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
श्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ है। इसे राज्य के रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाना संयोग है क्योंकि इस वर्ष अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी भी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार 2025 को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मना रही है। उन्होंने प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, “हमने इसे बनाया है, और हम इसे विकसित करेंगे।” उन्होंने जोर देकर कहा कि आज उद्घाटन और लॉन्च की गई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस संकल्प का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को अलग राज्य के रूप में बनाना पड़ा क्योंकि विकास का लाभ इस क्षेत्र तक नहीं पहुंच रहा था। श्री मोदी ने विकास करने में विफलता और शुरू की गई परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के लिए पिछली सरकार की आलोचना की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनकी सरकार ने लोगों की भलाई को प्राथमिकता दी है, उनके जीवन, सुविधाओं और उनके बच्चों के लिए अवसरों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के हर गाँव में विकास योजनाओं को लाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में प्रगति को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वहां पहली बार गुणवत्तापूर्ण सड़कें पहुँच रही हैं। श्री मोदी ने कई क्षेत्रों में रेल सेवाओं की शुरूआत का उल्लेख किया, जिसमें कार्यक्रम में पहले एक नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाना भी शामिल है। उन्होंने पहले वंचित क्षेत्रों में बिजली, पाइप से पानी और मोबाइल टावरों के आगमन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने नए स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों के निर्माण की जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये पहल छत्तीसगढ़ के परिदृश्य को बदल रही हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्ण विद्युतीकृत रेल नेटवर्क वाले राज्यों में से एक बनने की उपलब्धि की जानकारी देते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान में लगभग 40,000 करोड़ रुपये मूल्य की रेल परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें इस वर्ष के बजट में विभिन्न क्षेत्रों और पड़ोसी राज्यों में रेल संपर्क में सुधार के लिए 7,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विकास के लिए बजटीय समर्थन और ईमानदार इरादों दोनों की आवश्यकता होती है। श्री मोदी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के लिए पिछली सरकार की आलोचना की, जिसने आदिवासी क्षेत्रों में प्रगति में बाधा डाली। उन्होंने कोयले का उदाहरण देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रचुर भंडार के बावजूद, पिछली सरकारों द्वारा बिजली संयंत्रों की उपेक्षा के कारण राज्य को बिजली की कमी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत, इन मुद्दों को हल करने और राज्य के लिए विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए नए बिजली संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा पर सरकार के फोकस और ‘पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना’ की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य बिजली के बिलों को खत्म करना और घरों को बिजली का उत्पादन करके आय अर्जित करने में सक्षम बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सौर पैनल लगाने के लिए प्रति घर 78,000 रुपये की सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में दो लाख से अधिक परिवार पहले ही इस योजना के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। उन्होंने अन्य लोगों को भी महत्वपूर्ण लाभ के लिए इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़, भू-आबद्ध राज्य है, जिसमें गैस पाइपलाइन पहुंचाने की चुनौती है। इसका समाधान करने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने गैस अवसंरचना में आवश्यक निवेश की उपेक्षा करने के लिए पिछली सरकार की आलोचना की और क्षेत्र में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए किए जा रहे कार्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये पाइपलाइन पेट्रोलियम उत्पादों के लिए ट्रक परिवहन पर निर्भरता कम करेंगी, उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करेंगी और सीएनजी वाहनों का उपयोग संभव करेंगी। उन्होंने कहा कि पाइप्ड कुकिंग गैस से घरों को लाभ होगा, जिसका लक्ष्य दो लाख से अधिक घरों तक रसोई गैस पहुंचाना है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गैस की उपलब्धता छत्तीसगढ़ में नए उद्योगों की स्थापना को सुगम बनाएगी, जिससे रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री ने दशकों से चली आ रही पिछली सरकारों की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इन नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों में नक्सलवाद को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद उन इलाकों में पनपा है जहां विकास और संसाधन नहीं हैं और इन मुद्दों से निपटने के बजाय ऐसे जिलों को पिछड़ा घोषित कर दिया गया था जिससे उनकी जिम्मेदारी से बचा जा सके। उन्होंने पिछली सरकार के शासन में छत्तीसगढ़ के कई जिलों में सबसे वंचित आदिवासी परिवारों की उपेक्षा पर प्रकाश डाला। इसके विपरीत, उन्होंने गरीब आदिवासी समुदायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने शौचालय उपलब्ध कराने के लिए स्वच्छ भारत अभियान, 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की पेशकश करने वाली आयुष्मान भारत योजना और 80% छूट पर दवाइयां उपलब्ध कराने वाले पीएम जन औषधि केंद्रों की स्थापना जैसी पहलों का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने उन लोगों की आलोचना की जो आदिवासी समुदाय की उपेक्षा करते हुए सामाजिक न्याय का झूठा दावा करते हैं। उन्होंने आदिवासी समाज के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने “धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान” की शुरूआत का जिक्र किया, जिसके तहत आदिवासी क्षेत्रों में लगभग 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के लगभग 7,000 आदिवासी गांवों को लाभ मिल रहा है। विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, श्री मोदी ने इन समुदायों के लिए अपनी तरह की पहली पहल “पीएम जनमन योजना” की शुरूआत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में 2,000 से अधिक बस्तियों का विकास किया जा रहा है। उन्होंने देश भर में आदिवासी बस्तियों के लिए 5,000 किलोमीटर सड़कों की मंजूरी का जिक्र किया, जिसमें से लगभग आधी – 2,500 किलोमीटर – पीएम जनमन योजना के तहत छत्तीसगढ़ में बनाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल के तहत कई लाभार्थियों को स्थायी घर मिले हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों के तहत छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहे बदलाव का जिक्र करते हुए, श्री मोदी ने सुकमा जिले के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण पत्र मिलने और दंतेवाड़ा में कई वर्षों के बाद स्वास्थ्य केंद्र को फिर से खोलने जैसी उपलब्धियों से आए नए आत्मविश्वास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ये प्रयास नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति के नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दिसंबर 2024 में अपने “मन की बात” कार्यक्रम के दौरान चर्चा किए गए बस्तर ओलिम्पिक की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ में सकारात्मक बदलावों के सबूत के रूप में, उन्होंने इस आयोजन में हजारों युवाओं की उत्साही भागीदारी का जिक्र किया, जो राज्य की प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के बारे में आशा व्यक्त की और राज्य द्वारा नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन की प्रशंसा की। उन्होंने देश भर में 12,000 से अधिक आधुनिक पीएम श्री स्कूलों की स्थापना की जानकारी दी जिनमें छत्तीसगढ़ में लगभग 350 शामिल हैं। ये अन्य स्कूलों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे और राज्य की शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में एकलव्य मॉडल स्कूलों द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों को फिर से खोलने की सराहना की। उन्होंने राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र का भी उद्घाटन किया और इसे देश की शिक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और कक्षाओं में शिक्षकों और विद्यार्थियों को वास्तविक समय में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक और वादे को पूरा करने का जिक्र किया, जो हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को सक्षम बनाता है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल गांवों, वंचितों और आदिवासी परिवारों के युवाओं के लिए भाषा की बाधाओं को दूर करेगी और उन्हें अपने सपनों को हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने पिछले वर्षों में श्री रमन सिंह द्वारा रखी गई मजबूत नींव को स्वीकार किया और इसे और मजबूत करने के लिए वर्तमान सरकार के प्रयासों को दोहराया। उन्होंने अगले 25 वर्षों में इस नींव पर विकास की भव्य संरचना बनाने की कल्पना की।
छत्तीसगढ़ के संसाधनों, सपनों और संभावनाओं की प्रचुरता का जिक्र करते हुए उन्होंने राज्य की 50वीं वर्षगांठ तक देश के अग्रणी राज्यों में से एक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी कि विकास का लाभ छत्तीसगढ़ के प्रत्येक परिवार तक पहुंचे।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रामेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल और श्री तोखन साहू, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष श्री रमन सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री देश भर में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अनुरूप, सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने और छत्तीसगढ़ को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी के सीपत सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट स्टेज- III (1x800MW) की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 9,790 करोड़ रुपये से अधिक है। यह पिट हेड प्रोजेक्ट उच्च बिजली उत्पादन दक्षता के साथ अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2X660MW) के कार्य की शुरुआत की। उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र विस्तार योजना (डब्ल्यूआरईएस) के तहत 560 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पावरग्रिड की तीन पावर ट्रांसमिशन परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों, वायु प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखी। इसमें 200 किलोमीटर से अधिक उच्च दाब पाइपलाइन और 800 किलोमीटर से अधिक एमडीपीई (मीडियम डेंसिटी पॉलीइथिलीन) पाइपलाइन और 1,285 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई सीएनजी डिस्पेंसिंग आउटलेट शामिल हैं। उन्होंने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की 540 किलोमीटर लंबी विशाख-रायपुर पाइपलाइन (वीआरपीएल) परियोजना की भी आधारशिला रखी, जिसकी लागत 2210 करोड़ रुपये से अधिक है। इस बहुउत्पाद (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) पाइपलाइन की क्षमता 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक होगी।
क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रधानमंत्री ने 108 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली सात रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 2,690 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 111 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली तीन रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने मंदिर हसौद के माध्यम से अभनपुर-रायपुर खंड में मेमू ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। वह छत्तीसगढ़ में भारतीय रेलवे के रेल नेटवर्क के 100% विद्युतीकरण को भी समर्पित करेंगे। ये परियोजनाएँ भीड़भाड़ को कम करेंगी, कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और पूरे क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
क्षेत्र में सड़क के बुनियादी ढांचे को बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री ने एनएच-930 (37 किमी) के झलमला से शेरपार खंड और एनएच-43 (75 किमी) के अंबिकापुर-पत्थलगांव खंड को पेव्ड शोल्डर के साथ 2 लेन में उन्नत करने के लिए राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने एनएच-130डी (47.5 किमी) के कोंडागांव-नारायणपुर खंड को पेव्ड शोल्डर के साथ 2 लेन में उन्नत करने की आधारशिला भी रखी। 1,270 करोड़ रुपये से अधिक की ये परियोजनाएं आदिवासी और औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच में काफी सुधार करेंगी जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने दो प्रमुख शैक्षिक पहल – राज्य के 29 जिलों में 130 पीएम श्री स्कूल और रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) – राष्ट्र को समर्पित की। रायपुर में वीएसके विभिन्न शिक्षा संबंधी सरकारी योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी और डेटा विश्लेषण को सक्षम करेगा।
ग्रामीण परिवारों के लिए उचित आवास तक पहुंच सुनिश्चित करने और उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 3 लाख लाभार्थियों का गृह प्रवेश हुआ और प्रधानमंत्री ने इस योजना के तहत कुछ लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपी।