
सुधार के फेर में उलझा यातायात…. बैरिकेडिंग बनी जनता की परेशानी….
बिलासपुर–शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने की कोशिश अब उलटा असर दिखा रही है। होमगार्ड चौराहा, रिवर व्यू रोड समेत कई प्रमुख मार्गों पर लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। लेकिन इस नए प्रयोग ने आम लोगों की राह और मुश्किल कर दी है।
नागरिकों को अब तय करना पड़ रहा अतिरिक्त रास्ता
शहर के कुुदुदंड, मंगला और सत्ताइस खोली जैसे रिहायशी इलाकों से बाजार क्षेत्र तक पहुंचने के लिए नागरिकों को अब पहले से करीब दो किलोमीटर ज्यादा घूमकर जाना पड़ रहा है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है बल्कि पेट्रोल-डीजल का खर्च भी बढ़ गया है। जो रास्ता पहले 5 मिनट का था, वह अब 15 मिनट में पूरा हो रहा है।
रॉन्ग साइड की बढ़ती प्रवृत्ति—नियमों की अनदेखी
नया ट्रैफिक पैटर्न लोगों को इतना असुविधाजनक लग रहा है कि कई वाहन चालक, खासकर दोपहिया सवार, शॉर्टकट के चक्कर में रॉन्ग साइड से चलने लगे हैं। इसका नतीजा है सड़क पर बढ़ती अव्यवस्था और एक्सीडेंट की आशंका। कई जगहों पर आमने-सामने की भिड़ंत की घटनाएं भी सामने आई हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) रामगोपाल करियारे का कहना है कि योजना का उद्देश्य यातायात को व्यवस्थित करना है और यदि जनता को इससे परेशानी हो रही है तो व्यवस्था की समीक्षा की जा सकती है।
जरूरत है संतुलित समाधान की
वर्तमान स्थिति यह इशारा करती है कि सुधार की दिशा में किए गए प्रयासों को धरातल की सच्चाई के साथ जोड़ा जाए। प्रशासन को चाहिए कि नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए ट्रैफिक समाधान का ऐसा मॉडल विकसित करें, जो सुगमता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित कर सके।