जिले की पुलिसिंग व्यवस्था पर उठे सवाल विधायक के रेटलिस्ट के बम धमाके की गूंज अभी तक दे रही सुनाई,थानेदारों के चलते डीजीपी को होना पड़ रहा है कोर्ट में पेश
ठंड की दस्तक के साथ ही प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में भी चोरो की दस्तक बढ़ गई है । शहर और आसपास के क्षेत्रों में चोरो का आतंक बढ़ गया है हर थाना इलाको में लगातार चोरी की वारदात घटित हो रही है। कही सुने मकानों में तो कही दुकानों के शटर काट चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा अब चोरो के बीच पुलिस का डर खत्म हो गया है, और कुछ समय से आपराधिक घटनाए भी बढ़ गयी है। इस बीच पुलिस की गश्त और पेट्रोलिंग पर भी सवालिया निशान लग रहे है ? अक्सर पुलिस रात्रि गश्त और पेट्रोलिंग करने की बात करती है बावजूद इसके चोरी और अन्य आपराधिक मामलों में कमी नही आ रही है। डीजीपी के आदेश के बाद भी कई थाना क्षेत्रों में अवैध शराब , सट्टा ,जुआ, गांजा का काला कारोबार खाकी के संरक्षण में खूब फल फूल रहा है । शायद इसी कारण प्रदेश के गृहमंत्री को जिले के पुलिस कप्तान की मौजूदगी में कांग्रेसी विधायक ने रेट लिस्ट तय करने की बात कह थाने में ही बम फोड़ दिया था । बिलासपुर के विधायक द्वारा फोड़ा गया बम की आवाज आज भी उस वक्त सुनाई दी जब कांग्रेस सरकार की नाकामी गिनाने आये पूर्व मुख्यमंत्री ने थानों में तय रेट लिस्ट कहने वाले इस विधायक के साहस की तारीफ में कसीदे पढ़ दिए । उच्च न्यायालय के जज जिस जगह पर निवासरत है उस इलाके में जिस तरह बदमाशों ने जिस तरह पुलिस व्यवस्था को चुनोती दी है उससे पुलिस की काबिंग गश्त की पोल खोल के रख दी है । जिले में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है, की उन्हें पुलिस का कोई डर ही नही है, लगातार चोरी , मारपीट, हत्या, लूट जैसी अपराधिक घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं।हाल ही में आईजी एसपी के निर्देश पर शहर व आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की काम्बिंग गश्त की गई थी, लेकिन काम्बिंग गश्त के दौरान ही सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में चोरी की घटना घट गई, और 2 दिन पहले इसी क्षेत्र में कार के चोरी की घटना और दो दिन पहले शहर के पॉश कालोनी में लूट होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस अपने थाना क्षेत्रों में गश्त को लेकर कितनी सजग है।संस्कारधानी बिलासपुर में सुरक्षा व्यवस्था ,और बढ़ते आपराधिक ग्राफो में हो रहे इजाफा से लोगों में भय का माहौल है । और जनता के बीच पुलिस की छबि लगातार खराब होती जा रही है । थानेदारों की गलती के कारण एसपी से लेकर प्रदेश के डीजीपी को उच्चन्यायल में जबाब देने के लिए खड़ा होना पड़ रहा है । ऐसे में जिले में पदस्थ पुलिस के बड़े अधिकारियों को सभी थानेदारों को अपने थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार में अंकुश लगाने की सख्त हिदायत देने के साथ साथ रेट तय कर आधारविहीन, झूठी और दबाब में कई गई शिकायतो पर किसी निर्दोष को फंसाने और असली गुनाहगारो को बचाने के लिए मामलो को लंबित रखने वाले वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है ताकि खाकी को पुलिस व्यवस्था को लेकर कोर्ट के सामने शर्मिंदा न होना पड़े और असली फरियादी को उचित इंसाफ मिल सके ।