पुलिस के काम के लिए लगे गाड़ियों में आरआई ने की तोड़फोड़, पुलिस लाइन में खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़े,अधिकारी बोलें जांच की जाएगी

बिलासपुर–बिलासपुर पुलिस के रक्षित निरीक्षक (आरआई) ने पुलिस की ड्यूटी में लगे गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। यह गाड़ियां पुलिस लाइन में खड़ी थी। आरआई के द्वारा किए तोड़फोड़ से 4 गाड़ियों के शीशे टूटे हैं। गाड़ियों के ड्राइवरो ने आरोप लगाया है कि यह गाड़ियां आरआई धनेंद्र ध्रुव ने तोड़ी है। वही इस मामले में एडिशनल एसपी ने जांच करवाने की बात कही है।

बिलासपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित पुलिस ग्राउंड से लगा पुलिस लाइन है। पुलिस ग्राउंड थाने के सामने ही लगा है। पुलिस लाइन में पुलिस विभाग की गाड़ियां खड़ी होती है।गुरुवार को दोपहर में यहां खड़ी 4 गाड़ियों मे रक्षित निरीक्षक ( आरआई) ने तोड़फोड़ कर दी। तोड़फोड़ से गाड़ियों के शीशे टूट गए।

बताया जाता है कि आरआई यहां गाड़ियां खड़ी करने से नाराज थे। उन्होंने गाड़ियां तोड़ते समय कहा कि यह पार्किंग स्थल नहीं है, जहां गाड़ियां पार्क की जाए और यह कहते हुए उन्होंने गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की। जिस दौरान गाड़ियों में तोड़फोड़ की जा रही थी तब उन गाड़ियों के ड्राइवर भी वहां मौजूद थे। पर आरआई के गुस्से को देखते हुए उन्होंने आरआई को रोकने की हिम्मत नहीं दिखाई। ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि दोबारा गाड़ियां खड़ी होने पर दोबारा तोड़ने की धमकी आरआई ने दी है।

जिन गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई वह निजी ट्रेवल्स कंपनियों की गाड़ियां थी। जिन्हें पुलिस लाइन में पुलिस ड्यूटी के दौरान पुलिस के कार्यों के लिए किराए में हायर कर लगाया गया था। ज्ञातव्य है कि पुलिस विभाग अपनी गाड़ियों के इस्तेमाल के अलावा ड्यूटी के दौरान प्राइवेट गाड़िया भी हायर करती है। जिनका इस्तेमाल वीआईपी आगमन के दौरान पायलटिंग करने, पेट्रोलिंग करने, जिला व राज्य से बाहर आरोपियों की धरपकड़ के लिए जाने, थाने के काम या अधिकारियों के इस्तेमाल के लिए की जाती है।

पुलिस विभाग द्वारा हायर किए गए इन किराए के गाड़ियों को पुलिस लाइन में उनके चालक ड्यूटी के बाद खड़ा कर देते हैं। व अगली ड्यूटी के लिए निर्देश आने पर वहीं से निकल जाते हैं। मिली जानकारी के अनुसार आरआई इसलिए नाराज थे कि पुलिस लाइन में अनाधिकृत तौर पर पार्किंग समझ प्राइवेट गाड़ियों को खड़ी की गई थी।

जबकि वाहन चालकों का कहना है कि उन्हें पुलिस विभाग ने ही पुलिस के कामों के लिए हायर किया गया था। लिहाजा उन्होंने सरकारी कामकाज के लिए वहां गाड़ी लगाई थी और लाइन में गाड़ी खड़ा करते थे। ताकि लाइन से कहीं पहुँचने का आदेश प्राप्त होने पर तत्काल ही ड्यूटी पर पहुंचा जा सके। घर से या अन्य जगह से आने पर देर होने के चलते पुलिस विभाग का ही काम प्रभावित होता। गाड़ी ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि आरआई धनेंद्र ध्रुव आये और पहले एक बाइक को लात मारी। बाइक के गिरने के बाद फिर निजी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। जबकि वही खड़ी सरकारी गाड़ियों को आरआई ने नही तोड़ा।

इस मामले में जब मीडिया कर्मी रक्षित निरीक्षक धनेंद्र ध्रुव के पास उनका पक्ष जानने पहुंचे तब उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार करते हुए कहा कि “मामले में मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा। इस मामले में आप मेरे उच्चाधिकारियों से बात कर लीजिए वही इस मामले में पक्ष रखेंगे” जब इस मामले में मीडिया कर्मियों ने एडिशनल एसपी राजेंद्र प्रसाद जयसवाल से बात की तब उन्होंने कहा कि, “मामले की जानकारी ली जा रही है और इसकी जांच की जाएगी।”

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