सिम्स के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर बचाई बैगा युवक की जान……ऑपरेशन में 18 होल लम्बे प्लेट का पहली दफा उपयोग

बिलासपुर–सिम्स अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा युवा मरीज की जान बचाई है। अमाडोल निवासी 23 वर्षीय बैगा युवक श्याम सिंह 3 जनवरी को ट्रैक्टर से गिरने की वजह से गंभीर रूप से घायल हो गया था। मरीज बचपन से ही ना बोल सकता है ना ही सुन सकता है। युवक की गंभीर हालत को देखते हुए उसे बिलासपुर जिले के सिम्स अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। युवक को 3 जनवरी को सिम्स अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में गंभीर हालत में भरती किया गया जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक जांगड़े के द्वारा मरीज़ की जांच की गयी जांच में पता चला की मरीज़ की जांघ की हड्डी कई टुकड़ो में टूट चुकी है साथ ही अधिक खून बहाव से मरीज़ के शरीर में खून की कमी हो गयी है।
इसकी जानकारी अस्पताल के डीन डॉ. केके सहारे को दी। डॉ. सहारे ने मरीज़ की जानकारी लेकर तत्काल मरीज़ के लिए निःशुल्क ब्लड, और सभी इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया। मरीज़ का ऑपरेशन विभागाध्यक्ष डॉ. ऐ.आर. बेन, डॉ. आर के दास, डॉ. राजीव सकुजा के मार्गदर्शन में डॉ. दीपक जांगड़े हड्डी रोग विशेषज्ञ के द्वारा 4 घंटे की जटिल सर्जरी जिसमें जांघ की हड्डी जो कई टुकड़ो में टूटी थी जिसे स्क्रू, वायर और प्लेट के द्वारा पहले की तरह जोड़ा गया। डॉ. दीपक ने बताया की ऑपरेशन के दौरान जांघ की हड्डी कई टुकड़ो में बट गई थी, जिसे वापस अपनी जगह में जोड़ना चुनौतीपूर्ण था। ऑपरेशन में करीब 18 होल लम्बे प्लेट का उपयोग किया गया है जो अपने आप में ही सबसे लम्बी प्लेट है जो सिम्स में पहली बार किसी ऑपरेशन में उपयोग हुआ है। ऑपरेशन की टीम में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक जांगड़े, डॉ. तरुण ठाकुर, डॉ. सागर केशरवानी, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. राकेश निगम, डॉ. भावना रायजादा, डॉ. प्राची गुप्ता, सिस्टर बहादुर, सिस्टर योगेश्वरी, सिस्टर रितु छनु एवं अन्य स्टाफ का योगदान रहा। ऑपरेशन के बाद मरीज़ पूरी तरह से स्वस्थ है। मरीज़ का इलाज सिम्स में निःशुल्क किया गया है। मरीज़ अभी हड्डी रोग विभाग के वार्ड में भरती है और स्वस्थ है।

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