किसान संघ के द्वारा अपनी मांगो को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर की जमकर नारेबाजी,जानिए क्या है पूरा मामला

हफीज़ खान की रिपोर्ट
कोरोना काल में धरना प्रदर्शन आंदोलन पर प्रतिबंध होने के बाद भी जिला किसान संघ के द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन करते हुए नारेबाजी की गई। इस दौरान किसानों ने कृषि उपज मंडी खोलने की मांग की है।



जिला किसान संघ ने कोरोना काल में किसानों को राहत देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न मांग की है, अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में किसानों ने कहा कि कोरोना की वजह से कृषि उपज मंडी बंद होने से किसानों को फसल बेचने में दिक्कत हो रही है। लाक डाउन में छूट देते हुए जब कई प्रतिष्ठानों को खोला जा रहे हैं तो फिर कृषि उपज मंडी भी चालू करना चाहिए। मुख्यमंत्री के नाम सौपे गए ज्ञापन में किसानों ने कहा कि राजीव गांधी किसान नया योजना की राशि एकमुश्त दी जानी चाहिए, वही तेंदूपत्ता संग्रह को को 2 वर्ष का बकाया बोनस भी दिया जाए। किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार से रासायनिक उर्वरक के बढ़े दाम वापस लेने और पेट्रोल डीजल के दाम कम करने की गुहार लगाई है।



किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर जिला किसान संघ ने विरोध प्रदर्शन के तहत अपने अपने घरों के बाहर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसके बाद किसान नेता एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कोरोना काल के चलते धरना प्रदर्शन रैली आंदोलन पर प्रतिबंध होने के बाद भी किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी की।

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