सॉलि़ड वेस्ट सॉलिड करप्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान योजना को लगा रहे पतीला बिलासपुर नगर पालिक निगम-मनीष अग्रवाल
बिलासपुर नगर पालिक निगम में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला परंतु शहर स्मार्ट की जगह स्मार्ट गांव की तर्ज पर जाता नजर आ रहा है इसी कड़ी में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट घर-घर कचरा उठाना और उसके एवज में जनता से रेसीडेंशियल और कमर्शियल यूजर चार्ज लेना यह नगर पालिक निगम के बड़े भारी टेंडर प्रावधान में सरतो और नियम के अनुसार लगभग 6 वर्ष पूर्व शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की परिकल्पना को लेकर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत सूखा और गीला कचरा रखने के लिए हरा और नीले रंग का डस्टबिन भी दिया गया।
कचरा उठाने के लिए रामके कंपनी को ठेका दिया गया था शुरुआती दौर में यह योजना का क्रियान्वयन काफी बखूबी ढंग से निष्पादित किया जा रहा था लोग इस योजना की सराहना भी कर रहे थे परंतु जैसे-जैसे समय बदलता गया राजनीतिक सत्ता परिवर्तन होता गया इस प्रकार की योजनाओं में बेलगाम गाड़ी,की तरह लड़खड़ा ने लगी योजनाएं कचरा शहर का एकत्रित कर अलग-अलग जगहों पर इकट्ठा करना और फिर उस कचरे को बड़े वाहन के द्वारा कछार में बने डंपिंग यार्ड में डंप करना यह कचरा अनलोड करने से पहले उसकी मापदंड तौल गाड़ी का किया जाता है।
कछार डंपिंग यार्ड में धर्म कांटा भी लगा हुआ है और बकायदा इसका रिकॉर्ड बनाया जाता है रिकॉर्ड के अनुसार इनका पेमेंट भी नियम और शर्तों के अनुसार किया जाता है गाड़ी में शहर से उठाया गया कचरा ही डंपिंग यार्ड जाए इस बात का स्पष्ट रूप से प्रावधान है ना कि इसमें मिट्टी मालवा ईटा पत्थर परंतु सरकारी पैसे को लूटना और बंदरबांट करना यह खेल खेला जाना जनता के पैसे का जनता के द्वारा किए गए टैक्स के पैसों का दुरुपयोग धोखा है ठेका कंपनी को लगभग हर माह ,,एक करोड़ ₹500000 ,,की राशि का भुगतान इन कार्यों को निष्पादित करने हेतु बिलासपुर नगर पालिक निगम के द्वारा किया जाता है परंतु आंख में पट्टी बांधकर इस प्रकार के भुगतान सरकारी दफ्तरों में कर दिए जाते हैं इसका साक्षात प्रमाण आज दिनांक 29सितंबर बुधवार को व्यापार विहार से कचरा बड़ी गाड़ियों में डंपिंग यार्ड ले जा रहे गाड़ियों को सिर्फ कचरा ही नहीं उसमें वजन तौल बढ़ाने हेतु मलवा और मिट्टी डालकर भ्रष्टाचार कर रहे ठेका कंपनी और नगर निगम के मातहत लोगों को जिस प्रकार से जनप्रतिनिधियों के द्वारा पकड़ा गया।
और इन पर 1000000 रूपया का जुर्माना राशि भी किया गया, परंतु क्या सिर्फ इस छोटे से जुर्माने से क्या इस प्रकार की भ्रष्टाचार को विराम लग जाएगा क्यों नहीं ऐसी कंपनी ऐसे भ्रष्टाचारी लोगों के ऊपर कानूनी कार्यवाही दंडात्मक कार्यवाही के साथ-साथ ठेका कंपनी के कार्य चालू होने की अवधि से आज भ्रष्टाचार पकड़े जाने तक की अवधि समय तक की राशि के अनुरूप जुर्माना लगाकर ऐसी भ्रष्ट कंपनियों को ताकि आगे इस प्रकार के कार्य फिर से ना कर सके इस हेतु बिलासपुर नगर पालिक निगम की वर्तमान सत्ताधारी दल एमआईसी से पास करते हुए ब्लैक लिस्टेड ऐसी कंपनी को किया जाना चाहिए। ताकि इतनी बड़ी हिम्मत स्वच्छ भारत अभियान के लिए जिस प्रकार से हर जगह हर ,गांव तहसील शहर में लोग जन जागरण कर एक दूसरे को प्रेरित करते हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार के लोग ऐसे अभियान को पतीला लगाते हुए भ्रष्टाचार कर अपना जेब गर्म करते हैं इस भ्रष्टाचार की कार्यवाही हेतु,, भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय ,, मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ ,,छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल एवं छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री,, को ट्वीटर के माध्यम से शिकायत कर इस प्रकार की कंपनी को बंद करने हेतु शिकायत की गई।