पुलिस कप्तान के आदेश को किया जा रहा दरकिनार,पुलिस विभाग में नही दिख रहा अनुशासन
बिलासपुर–जिले की महिला कप्तान पारुल माथुर के जारी किए आदेश का पालन उनके ही थाना प्रभारी नही कर रहे है।7 सितम्बर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निकाले गए,अदना से आरक्षकों को रिलीव नही कर थाना प्रभारी अपने कप्तान के आदेश को दरकिनार करते साफ साफ दिखाई दे रहे है।
बिलासपुर एसएसपी पारुल माथुर ने कोनी थाना के 2 प्रधान आरक्षकों सहित बिल्हा थाना के विवादित आरक्षक रूपलाल चन्द्रा को तत्काल वर्तमान थाना से रिलीव कर नए थानों में तबादला का फरमान दिया था।
वही आरक्षक रूपलाल चन्द्रा के खिलाफ प्रदेश के मुखिया से लेकर राज्य के गृहमन्त्री सहित तमाम पुलिस उच्च अधिकारियों से गम्भीर शिकायत की गई है। यहाँ तक एक पीड़ित ने तो बकायदा रूपलाल चन्द्रा से प्रताड़ित हो कर आत्महचा करने की बात कहते हुए सोशल मीडिया में अपना दर्द भी वायरल करते हुए लिखित शिकायत भी की थी।
वही एक शिकायत में आरक्षक रूपलाल को बिल्हा थाना प्रभारी का वसूली एजेंट भी बताया गया है।शिकायत में बिल्हा थाना प्रभारी के ऊपर भी गम्भीर आरोप लगे है । उसके बाद भी थाना प्रभारी द्वारा अभी तक विवादित आरक्षक रूपलाल को रिलीव नही करना सवाल खड़े कर रहा है ?
आरक्षक के खिलाफ एक महीने से भी ज्यादा शिकायत लंबित पड़ी है लेकिन उसके बाद भी जांच पूरी नही होना और शिकायत के बाद भी थाने में बने रहने के कारण थाना प्रभारी पर भी संदेह होना लाजमी है ? सवाल ये है कि शिकायत करने के बाद शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी देने , गोली मारने, और झूठे मामले में फंसा देने की धमकी देने वाले एक अदना सिपाही पर आखिरकार इतनी मेहरबानी क्यो !
यू तो पुलिस को अनुशासन वाला विभाग माना जाता है पर कप्तान साहिबा के आदेश के पालन नही करना भी अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।वही इस पूरे मामले में जब हमने बिल्हा थाना प्रभारी से सिपाही को अभी तक रिलीव नही करने की वजह पूछी तो मैडम का कहना है कि इसमें मीडिया के लोग पर्सनल इंटरेस्ट क्यो ले रहे है।इतना ही नही मैडम ने तो रूपलाल की तारीफ में कसीदे पड़ते हुए कह दिया कि जो अच्छा काम करते है उन्ही पर झूठे इलजाम लगते है।मैडम का कहना है कि बाकी थानेदार ने भी अभी तक एसएसपी के आदेश का पालन नही किया है तो मैं क्यो करू और बकायदा टी आई साहिबा ने दुसरो थानों से भी तबादला सूची के अपडेट लेकर अपने आप को सही साबित करने और आरक्षक को पुलिस के सच्चा सिपाही साबित करने में कोई कसर नही छोड़ी !
जबकि मैडम ने शायद शिकायत पत्र ठीक से नही पढ़ा है कि आरक्षक के साथ साथ उनके खिलाफ भी शिकायत हुई है और बाकायदा आरक्षक को आपका ही एजेंट बताकर वसूली करने सहित गभीर आरोप लगाए गए हैं।और इस तरह की शिकायत के बाद बिल्हा थाना प्रभारी के आरक्षक के पक्ष में इस तरह का मीडिया को बयान देना अपने आप मे बहुत कुछ कह रहा है ।
लगातार खाकी पर चुनिंदा पुलिस कर्मियों के कारण सवाल खड़े हो रहे है।कांनून व्यवस्था चरमरा रही है ऐसे में इस मामले में एक आरक्षक के खिलाफ शिकायती के बाद भी उसी थाने में बने रहना पूरे पुलिस महकमे को मुंह चिड़ा रहा है।यदि एक अदना से आरक्षकों के लिए थानेदार अपने ही कप्तान के आदेशो को अनदेखा कर दरकिनार कर दे तो पुलिस नेतृत्व पर सवाल खड़े होंगे ही।उच्च अधिकारियों को भी गभीरता से विचार करना होगा कि उनके आदेश के प्रति उनके ही महकमे के लोग कितने गंभीर है ? क्योकि कहावत है कि एक चिंगारी पूरे जंगल को जला देती है।