वर्दीधारियों के हमलावरों को पकड़ने में नाकाम थानेदार चला रहे अपनी ही थानेदारी…..थाना नहीं थानेदार का बना टाइम पास का अड्डा…..गंभीर मामले के आरोपी अब भी फरार…..

बिलासपुर–जिले की पुलिस और थाने में बैठे थानेदार इन दिनों अपनी कारगुज़ारियों के लिए सुर्खिया बटोर रहे है।एक ऐसे ही थानेदार की बात करने जा रहे जो सिर्फ समय पास कर अपनी थानेदारी चला रहे है।इनके क्रियाकलाप से थाने को थाना नहीं बस समय काटने का एक जरिया बनता हुआ दिखाई दे रहा है।आपको बताते चले कि इनकी थानेदारी में मार्च महीने के शुरुवाती तारीख से लेकर होली के आसपास कई गंभीर मामले सामने आए उसके बाद भी आज तक उन मामलों में किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।यही नहीं थाने क्षेत्र में चल रहे अवैध कारोबार से लेकर अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने में नाकाम यह थानेदार अपने मातहत पुलिस कर्मियों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में निर्भर रहते है।सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार थाने मे छुटपुट मामले से लेकर कई ऐसे मामले सामने आए जहां पर आरोपियों की धरपकड़ के लिए थाने के स्टाफ से उम्मीद लगाकर उस मामले का निकाल करने की भी उम्मीद लगाए रहते है।वही यह साहब अपने तय समय में थाने में आने के बाद यह पुराने लंबित मामले को लेकर कोई भी गंभीरता नहीं दिखाते। सिर्फ थाने में बैठ कर अपना समय पास करते हुए अपने शागिर्दों के साथ लगकर अपना समय पास करते हुए समय को पास कर रहे है।

प्रधान आरक्षक का मुख्य आरोपी अब तक फरार

होली के दिन तोरवा थाने में पदस्त प्रधान आरक्षक के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी आज तक पुलिस की पकड़ से बाहर है।जबकि इस घटना को अंजाम देने वाले में चार से पांच युवकों का नाम सामने आया था।जिसमें से इस घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपी न्यायलय में आत्मसमर्पण कर जेल दाखिल हो गए।उसके बाद भी इस घटना का मुख्य आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। जिसकी खोजबीन करना तो दूर इनके ठिकानों में दबिश देना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है।

थाने में पदस्त आरक्षक के भाई के हमलावर फरार

इसी थाने में तैनात एक आरक्षक के भाई के साथ चार पांच बदमाश लड़के चाकू बाजी करते हुए जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर फरार हो गए।इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज आने से लेकर इनके नाम और नम्बर होने के बाद भी आज भी ये हमलावर खुलेआम घूम रहे है।इनको पकड़ना तो दूर इनकी जानकारी लेना भी थानेदार उचित नहीं समझ रहे है।

भरे बाजार हुई उठाईगिरी की आरोपिया अब तक फरार…..

बीते अप्रैल माह की बीस से पच्चीस तारीख को धमतरी से अपनी पति के साथ अपने भाई से मिलने और बुधवारी बाजार में सोने चांदी के आभूषण लेने आई महिला के साथ दिन दहाड़े दो महिलाएं मिलकर मौका पाकर धमतरी से आई महिला के पर्स में हाथ साफ़ करते हुए लगभग साठ से अस्सी हजार के मूल्य के जेवरात को पार कर दिए।इस घटना के बाद तत्काल तोरवा थाने पहुंचकर पीड़ित महिला ने अपनी आप बीती बताई लेकिन वहां के थानेदार महिला से लिखित शिकायत लेकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिए जबकि इस पूरी वारदात का दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना कैद हो गई।पुलिस को इसका सीसीटीवी फुटेज भी मिल गया।फुटेज में घटना को अंजाम देने वाली दोनों महिलाओं की पहचान चांपा जांजगीर निवासी के रूप में भी हो गई लेकिन इसके बाद भी थानेदार इस मामले में कार्रवाई करने के बजाए अपने मस्त होकर समय बिताने में मशगूल है। जबकि अभी हाल में ही बिलासपुर के थाना सिटी कोतवाली के अंतर्गत सराफा कारोबारी के साथ दो महिलाएं ठगी की घटना को अंजाम दिए थे।इन आरोपी महिलाओं का फुटेज सामने आने के बाद कोतवाली पुलिस एंटी सायबर क्राइम यूनिट ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक बड़े गिरोह का खुलसा करते हुए इस गिरोह के चार सदस्यों को पकड़कर सलाखों के पीछे डाल दिया गया।लेकिन ये साहब को कोई फर्क पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है।पीड़िता का भाई घटना के बाद से लगातार थाने में आकार न्याय की गुहार लगा रहा है इसके बाद थानेदार के द्वारा ध्यान नहीं यह समझ से परे है।

बहरहाल ऐसे थानेदार के द्वारा बरती जा रही लापरवाही और पुलिस की धूमिल होती छवि एक संजीदा विषय बनकर उभर रहा है। तीन तो ऐसे मामले सामने आए जिसमें से दो मामले इनके थाने में तैनात पुलिस कर्मियों के सात घटित हुआ और ना जाने ऐसे कितने छोटे बड़े मामले होंगे जो सामने नहीं पाए। थानेदार के द्वारा अपराधों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाना यह समझ से परे है।इनके इस बर्ताव से आप सहज अंदाजा लगा सकते है कि इस क्षेत्र की जनता को थाने से न्याय पाने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ रही होगी।

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