
थाने में कवरेज करने गए पत्रकार पर भड़के थाना प्रभारी….कोनी थाना प्रभारी ने खोया अपना आपा…..आखिर क्या वजह रही कि मीडिया कर्मी को देखकर तमतमा गए…?
बिलासपुर–रविवार को कोनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत धर्मांतरण को लेकर उपजे विवाद में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं से उलझने के बाद उस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो बड़ी संख्या में हिंदू संगठन और पदाधिकारी मौके पर पहुंचने लगे।जिसके बाद मामला और गरमा गया।थाना प्रभारी का विरोध शुरू हुआ तो उनके बचाव में सिविल लाइन सीएसपी वहां पहुंचकर मामले को समझते हुए उसे सुलझाते हुए नजर आए।
जिसके बाद हिंदू संगठन आगे की कार्रवाई के लिए थाना कोनी पहुंचे इसी बीच थाना प्रभारी अपने कक्ष में सभी हिंदू संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से बात करते हुए अपना बचाव करते हुए अपनी बात को रख रहे थे।इसी बीच वहां पर एक मीडिया कर्मी थाना प्रभारी के कक्ष में बैठे सभी का फोटो वीडियो कवरेज कर रहा था।इसे देख कर वह भड़क गए और दिन में जैसी हरकत कर रहे थे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता से उसी तरह मीडिया कर्मी से उलझने का प्रयास कर रहे थे।मीडिया कर्मी के कवरेज से आखिर इनको इतनी क्या परेशानी हो रही थी।जो ये इतना भड़क गए और अपनी कुर्सी से उठकर भागने में लग गए।इस तरह से एक थाना प्रभारी को मीडिया कर्मी हो आम इंसान सब से अपनी मर्यादा और कानून के दायरे में रहकर अपना बर्ताव करना चाहिए।कोनी थाना प्रभारी के द्वारा रविवार को दिन में हिंदू संगठनों से उलझना और शाम को अपने थाना कक्ष में मीडिया कर्मी से उलझना वह भी यह जानते हुए कि इनकी पूरी हरकत कैमरे में कैद हो रही है।इसके बावजूद इनका इस तरह से किया गया बर्ताव समझ से परे है।
रविवार की हुई घटना को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों को इनके क्रियाकलाप से अवगत होकर उनके इस तरह से लिए गए व्यवहार और बर्ताव लेकर सोचने की जरूरत है।कही ना कही थाना प्रभारी की हरकत पूरे पुलिस विभाग को बदनाम कर रही है।एक।तरफ बेहतर और अच्छी पुलिसिंग को लेकर आम जनता और मीडिया से अच्छे तालमेल के साथ काम करने के निर्देश आला अधिकारी देते है।लेकिन वहीं आदेश थाने में बैठे ऐसे थाना प्रभारी को कोई फर्क भी नहीं पड़ता।