
सुशासन तिहार: समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन देने का सिलसिला जारी…..कलेक्टर ने शिविरों का लिया जायजा कहा लोगों को आवेदन देने में न हो दिक्कत…..11 अप्रैल तक लिए जाएंगे आवेदन……
बिलासपुर–मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में चल रहे राज्यव्यापी सुशासन तिहार में लोगों द्वारा अपनी समस्याओं का निराकरण के लिए आवेदन देने का सिलसिला जारी है। लोग शिकायत पेटी में आवेदन दे रहे हैं। कलेक्टर ने ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में आवेदन लेने की प्रक्रिया का अवलोकन किया। कलेक्टर ने लोगों से चर्चा कर समस्याओं के निराकरण के लिए बेझिझक आवेदन करने कहा।
अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को आवेदन देने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सुशासन तिहार के पहले चरण में आम लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक जिले के सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगम, नगरीय निकायों और जिला मुख्यालयों में आवेदन लिए जा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान नगर निगम कमिश्नर श्री अमित कुमार एवं सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल मौजूद थे।
कलेक्टर ने सबसे पहले नगर निगम के वार्ड क्रमांक 53 के लिए प्रभात चौक के सामुदायिक भवन में आवेदन लेने की प्रक्रिया का जायजा लिया। बताया गया कि यहां आज 27 आवेदन मिले हैं। कलेक्टर ने सुशासन तिहार का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने लगातार मुनादी कराने कहा। इसके साथ ही कलेक्टर ने वार्ड क्रमांक 59 और ग्राम पंचायत सेंदरी में भी लगाए गए शिविर का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों को आवेदन देने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। किसी भी व्यक्ति को आवेदन देने से मना या रोका न जाए। कलेक्टर ने आवेदन देने आए लोगों से चर्चा कर जानकारी ली। उन्होंने सभी से अपील की कि मांग और समस्याओं से संबंधित आवेदन बेझिझक दे।
लोगों ने जताया सुशासन तिहार पर भरोसा-
वार्ड क्रमांक 53 की कविता भोई ने नाली निर्माण के लिए आवेदन दिया। उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में उनकी समस्या का निराकरण होगा। इसी प्रकार इसी वार्ड की दुर्गा पटेल ने सड़क मरम्मत के लिए आवेदन दिया। श्रीमती पटेल ने कहा कि शिविर के जरिए हम अपनी समस्याएं प्रशासन और सरकार तक पहुंचा सकते हैं। यह बहुत अच्छा जरिया है। हमें अब अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालयों के फेरे लगाने की कतई जरूरत नहीं है।