आधा दर्जन लोगों को सड़क में पटकनी देने वाला रेबीज ग्रसित सांड आया पकड़ में…..तीन दिन तक मचाता रहा आतंक….

बिलासपुर–नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों सड़को में मवेशियों का होना कोई नहीं बात नहीं है।लेकिन मवेशियों को लेकर निगम के द्वारा यह दावा किया जाना की सड़कों में घूमने वाले मवेशियों को पकड़ने का अभियान यह जमीनी हकीकत से नदारद है।क्योंकि एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां पर लगातार तीन दिन तक उस क्षेत्र में अपना आतंक मचाने वाले सांड ने आने जाने वाले राहगीरों पर हमला कर उनको चोटिल कर दिया।इस पूरे घटनाक्रम में एक बात यह अच्छी रही कि जो भी इस सांड के जद में आया वह गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।दरअसल पूरा मामला शनिचरी से चांटीडीह जाने वाले रपटा पुल के पास का है। तीन दिनों से रेबीज़ ग्रसित सांड छै लोगो को मारा। सांड के अचानक इस हमले से आसपास काफी दहशत का माहौल बन गया।शनिवार को इस घटना से आने जाने वाले राहगीर काफी सकते में आ गए वही आसपास के लोग भी काफी परेशान हो गए।जिसके बाद अचानक वह सांड अरपा नदी के पुल के नीचे चला गया और दो दिन तक वह वही था अचानक मंगलवार को वह नदी से बाहर निकलकर मुख्य मार्ग में आकर लोगो मारने लगा।जहां इसकी सूचना बिलासपुर गौ सेवा धाम के गौ सेवक विपुल शर्मा दी गई।इस सूचना के बाद गौ सेवकों निगम के आला अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचकर हालात को समझते हुए सांड को काबू में करने के लिए काऊ केचर और रस्सा की सहायता से उसको अपनी सूझबूझ से हिम्मत के साथ आगे बढ़कर उसको काबू में करने का प्रयास कर उसे पकड़ लिया गया।

महत्पूर्ण भूमिका….

गौसेवक विपुल शर्मा, गोपाल कृष्ण,शुभम साहू ,शत्रुघन यादव,पप्पू शर्मा सहित नगर निगम के कर्मचारी रहे।इस अभियान में बड़ी मुशिकिलों से घेरा लगाकर अपनी सूझबूझ से नंदी को पकड़ा और उसे नगर निगम गौठान स्फ़ीट किया गया।

रेबीज और डाक्टर की सलाह…..
डॉकटर के अनुसार यदि किसी को रेबीज हुआ और उसके फैलने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है रेबीज़ के लक्षण आने के बाद 72 घंटों के भीतर जीव जंतु की मौत हो जाती है,और यदि उस समय कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसे तुरंत अस्पताल में जाकर रकछा रेब इंजेशन लगवाना चाहिए और डॉकटर से संपर्क करना चाहिए।

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