प्रदेश भर में रेत माफियाओं का राज.. क्या लाल बत्ती के सह पर चल रहा अवैध उत्खनन का काला खेल..
छत्तीसगढ़ में खनिज संपदा का भंडारण है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में लगातार माफियाओं का दबदबा बनता जा रहा है गौण खनिजों के चोरी के साथ-साथ नदियों का सीना चीर अवैध उत्खनन का धंधा जोरों पर है सरकार चाहे किसी की भी हो पर माफिया सेटिंग करने में ज्यादा देर नहीं लगाते यही कारण है कि मुख्यमंत्री के बार-बार बोलने के बावजूद भी न्यायधानी समेत पूरे प्रदेश में रेत चोरी का गोरखधंधा चरम पर है..छत्तीसगढ़ में रेत पर घमासान बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही विधानसभा सत्र के साथ ही प्रेसवार्ता कर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर अवैध तरीके से रेत खनन के साथ ही दम बढ़ा कर मुनाफाखोरी का आरोप लगाती आ रही हैं.. हाल ही में मामला तब गर्मा गया जब कांकेर में रेत माफिया के खिलाफ खबर छापने पर वहां के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ इलाके के कांग्रेसी नेता ने मारपीट की और साथ ही जान से मारने की धमकी तक दे डाली.. जिसके बाद मामला इतना गरमा गया की स्थानीय कलेक्टर ने वहां के पत्रकारों के साथ किसी भी अधिकारी के बातचीत पर रोक लगा दी थी.. यहां तक की पत्रकारों के आंदोलन को दबाने के लिए कई अन्य पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई.. अब मामला ऐसा है कि पत्रकारों के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरते ही विपक्षी पार्टियों ने भी राज्य के रेत माफिया को आड़े हाथों लेते हुए सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.. आम आदमी पार्टी ने तो वकायदा प्रेसवार्ता लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पर कांग्रेस पर्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा दादागिरी कर अवैध तरीके से खदानों रेत खनन करवाने का आरोप लगाया है.. बहरहाल ये हालात राज्य के अमूमन सभी इलाकों के हैं जहां पर रेत माफिया के साथ मिल कर तो कही डर से इलाके के अधिकारी सही तरह से कार्रवाई नही कर रहे..