प्रधानमंत्री आवास योजना को सरपंच ने बनाया काली कमाई का जरिया

केंद्र सरकार के द्वारा आम लोगो को अपने स्वयं के घर के सपने को साकार करने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ तो किया गया था लेकिन अब यही योजना कुछ लोगो के लिए काली कमाई का जरिया बन गया है जिसके चलते आम नागरिक के अपने घर का सपना सपना ही बनकर रह गया है ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिले के बरबसपुर गांव में जहां वर्ष 2016 -17 में ग्राम पंचायत में ग्रामीणों का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था जिसके बाद उस समय के तत्कालीन सरपँच के द्वारा हितग्राहियों से आवास के नाम से पैसे की मांग की गई जिसके बाद हितग्राहियों ने सरपँच को उक्त रकम दी गई था लेकिन उसके बाद ग्रामीणों को पता चला के उनका नाम आवास की सूची से हटा दिया गया और खुद सरपँच उनके नाम की जगह अपने नाम से आवास का निर्माण करा रहा है इस पर ग्रामीण सरपंच से मिलकर अपनी दी हुई रकम की मांग की सरपँच के द्वारा हितग्राहियों को लगातार झांसा देता रहा सरपँच के द्वारा रकम वापस नही करने से हताश ग्रामीण जनपद और जिला पंचायत के अधिकारियों से मिलकर आवास से नाम हटने का कारण पूछे तो अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को जानकारी दिए के सरपँच सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से दिए गए प्रस्ताव के चलते उनका नाम आवास की सूची से हटाया गया है वही ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत सरपँच सम्पन्न व्यक्ति है बावजूद इसके इस योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों का ना मिलकर सरपँच जैसे सम्पन्न लोगों को मिल रहा है वही सरपँच के द्वारा किये गए मनमानी के चलते आक्रोशित ग्रामीण तत्कालीन सरपँच के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा साथ ही पात्र हितग्राहियों का नाम आवास की सूची में जल्द जोड़ने की अपील भी किये ग्रामीणों ने सीधे तौर पर सरपँच के ऊपर पैसे लेने का आरोप लगाया गया है और कार्यवाही की मांग की गई है वही जिले के कलेक्टर ने इस मामले के बारे में बताया कि गांव में किये गए जनगणना के आधार पर ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को मिलता है रही बात किसी हितग्राही से जनप्रतिनिधि के द्वारा रकम की मांग की गयी है तो ये ग्रामीणों की जागरूकता की कमी के चलते हुआ है फिलहाल इस मामले की जांच करने के उपरांत निश्चित तौर पर दोषी व्यक्ति के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।

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