शोभा यात्रा के स्वागत के लिए बने मंच से महिला नेत्री को नीचे उतरवाने को लेकर हुआ बवाल,प्रदेश स्तर नेता के सामने महिला नेत्री क्या कहा–पढ़िए पूरी खबर
बिलासपुर–राजनीति में सत्ता के साथ साथ कुर्सी की लड़ाई ये तो जग जाहिर है।लेकिन सामाजिक कार्यक्रम में यदि अपने राजनीतिक लाभ के लिए अवसर को तलासा जाए तो उसमे बवाल तो होना निश्चित है।ऐसा ही एक वाक्या बिलासपुर शहर में सामने आया।जहा पर सामाजिक शोभायात्रा के स्वागत के लिए बने मंच से उतरवाने को लेकर आपस में महिला नेत्रियों में जमकर बवाल हुआ।आपको बताते चले कि इस मंच में प्रदेश के एक बड़े नेता भी मौजूद थे।जब वहां पर बवाल हुआ।इस बवाल में एक नेत्री ने वहां मौजूद अन्य नेत्रियों को जमकर खरी खोटी सुनाई और यहां तक स्वागत मंच के आयोजक नेता को भी नहीं छोड़ा और उनको भी भरे मंच से लताड़ लगा डाली।
अनुशासन हीनता –अनुशासन का बड़ा महत्व है।लेकिन इस स्वागत मंच में अनुशासन की सारी मर्यादा को लांघते हुए,अनुशासन हीनता का परिचय देते हुए,इस महिला नेत्री ने प्रदेश स्तर के नेता के सामने ही उन नेत्रियों को लेकर जो बाते कही गई।सुनने वाले लोग भी हतप्रभ रह गए।यही नहीं यह वाक्या कुछ क्षण का नही लगभग दस से पंद्रह मिनट तक चला।सूत्र बताते है कि स्वागत मंच में साउण्ड के लिए लगे माइक में उस महिला नेत्री ने अपने हाथो में ले लिया और उसी माइक से अपनी झल्लाहट को निकलने लगी।आनन फानन में मंच में मौजूद अन्य नेता और कार्यकर्ता माइक को छिनने का प्रयास भी किए लेकिन उसमे असफल रहे और अंतता माइक के तार को पकड़कर खींचना पड़ा तब कही जाकर महिला नेत्री की आवाज को दबाया गया।
आखिर था क्या वाक्या–बताया जा रहा है की हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वागत मंच तैयार किया गया जिसमे एक सामाजिक शोभा यात्रा का स्वागत कार्यक्रम रखा गया था।लेकिन इसी बीच बने उक्त स्वागत मंच में प्रदेश स्तर के नेता और कार्यकर्ता के साथ साथ महिला नेत्रिया भी उक्त मंच में चढ़ गई।बढ़ती संख्या से मंच के गिरने जैसी घटना ना हो इसके लिए मुख्य मुख्य पदाधिकारियों को रहने और बाकी सभी को नीचे उतरने के लिए कहा गया लेकिन कुछ महिला नेत्री नीचे उतर गई।लेकिन इसी बीच एक महिला नेत्री नीचे नही उतरी जिसको देख दूसरी महिला नेत्रियों में एक स्वर में उसे नीचे उतरवाने के लिए दबाव बनाया।और यह बात उस महिला नेत्री को नागुआर गुजरी और उसने अपना आपा खो दिया और उसने ना आगे देखा ना पीछे और अपने शब्द बाण से लगातार सब पर प्रहार करते चली गई। उस महिला नेत्री का गुस्सा इतना तेज था की उसने भरे मंच से ऐसे शब्दों का प्रयोग कर डाला जिसे सुन लोग भौचक्के रह गए।आखिर कार इस महिला नेत्री को धीरे से शांत कराया गया और सभी को सामाजिक शोभा यात्रा के स्वागत में लगाया गया।इस पूरे वाक्या ने तो यह स्पष्ट कर दिया की सामाजिक कार्यक्रम में यदि कोई अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश करेगा तो इसी तरह के वाक्या सामने आते रहेंगे और भरे बाजार में अपनी रही सही इज्जत से हाथ धोते रहेंगे,और वह अपनी फजीहत के खुद जिम्मेदार रहेंगे।
बंगले में होती रही चर्चा–शहर के एक बड़े बंगले में भी इस बात को लेकर काफी ठहाके भी लगे।और काफी चर्चा का दौर भी चला।चर्चा का दौर शहर में नही शहर के बाहर भी खूब चला।